रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता नंद कुमार बघेल को एक वर्ग विशेष के खिलाफ तथाकथित टिप्पणी करने के आरोप में रायपुर पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. उन्हें दोपहर को रायपुर के न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी जनक कुमार हिडको की कोर्ट पेश किया गया. कोर्ट ने उन्हें 15 दिनों के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी में भेज दिया. अब 21 सितंबर को मामले की अगली सुनवाई होगी. मंगलवार को नंद कुमार बघेल की जमानत के लिए पेपर पेश नहीं किया गया. नंदकुमार बघेल ने कहा कि यह मेरी निर्णायक लड़ाई है. मैं इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट तक जाऊंगा.
गौरतलब है कि नंद कुमार बघेल पर एक विशेष समाज के खिलाफ विवादास्पद बयान देने को लेकर धार्मिक सौहाद्र बिगाडऩे का मामला दर्ज है. बघेल के खिलाफ राजधानी रायपुर के डीडी नगर थाने में भारतीय दंड सहिंता 1860 की धारा 153 ए और 505 –एक (बी) के तहत मामला दर्ज किया गया था. पुलिस उन्हें मंगलवार सुबह रायपुर लेकर आई.
कानून से ऊपर मेरे पिता भी नहीं- मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता के खिलाफ थाने में शिकायतों के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा था कि हमारे राजनीतिक विचार एवं मान्यतायें भी बिल्कुल अलग-अलग हैं. एक पुत्र के रूप में मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन एक मुख्यमंत्री के रूप में उनकी किसी भी ऐसी गलती को माफ नहीं किया जा सकता जो सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाडऩे वाली हो. उनकी सरकार में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है फिर चाहे वो मुख्यमंत्री के 86 साल के पिता ही क्यों न हो.
क्या है धारा 153-ए और 505-एक (बी)
आईपीसी की धारा 153 और 153 ए के अनुसार कोई व्यक्ति अगर लिखित या मौखिक रूप से ऐसा बयान देता है जिससे साम्प्रदायिक दंगा या तनाव फैलता या समुदायों के बीच शत्रुता पनपती है तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है. वहीं धारा 404 के तहत भड़काऊ बयान जिससे सामाजिक अव्यवस्था फैल सकती है इस पर तीन साल तक की जेल की सजा हो सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-छत्तीसगढ़ के सरगुजा में एक दिन में 30 के बजाय सात घंटे में 101 महिलाओं की कर दी नसबंदी, जांच शुरू
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