कुंडली में अष्टमेश और आठवां घर - चन्द्रमा के संभावित परिणाम

कुंडली में अष्टमेश और आठवां घर - चन्द्रमा के संभावित परिणाम

प्रेषित समय :21:16:33 PM / Thu, Sep 16th, 2021

वैदिक ज्योतिष के अनुसार आठवें घर से मानसिक बीमारी ,आयु, मृत्यु, गुप्त ज्ञान , क्लेश , बदनामी, खनन , पत्नी का धन, ससुराल, दुर्घटना , गुदा , गुप्त विद्या आदि का विचार किया जाता है.

अष्टमेश यदि केंद्र स्थानों के अतिरिक्त किसी स्थान में हो और लग्नेश की अपेक्षा अष्टमेश कमजोर हो तो ऐसे व्यक्ति की लम्बी आयु होती है और अच्छा स्वस्थ्य होता है क्लेश भी नहीं होते. अष्टमेश की स्थिति के आधार पर कुछ ऐसे योग भी होते हैं जिन्हे अशुभ समझा जाता है - कुछ विद्वानों के अनुसार अष्टमेश का किसी भी भावेश के साथ स्थान परिवर्तन सही नहीं माना जाता ऐसे योग को दैन्य योग की श्रेणी में डाला गया है लेकिन कुछ विद्वानों के अनुसार आठवें घर का स्वामी यदि दुःस्थान में हो तो उसे सरल योग कहा गया है. कुछ जगह अष्टमेश का छठे या बारहवें घर के स्वामी के साथ स्थान परिवर्तन को विपरीत राजयोग की श्रेणी में रखा गया है. खैर, मतभिन्नता ज्योतिष और ज्ञान का एक अनिवार्य हिस्सा है. अपने अनुभव से ही इसे समझा जा सकता है और अनुभव ही कसौटी है. 

चन्द्रमा को मन, बुद्धि, माता, धन, खूबसूरती, सफेद रंगो की वस्तुएँ , राजशासन की मोहर,चांदी, मोती, मीठे व्यंजन, जल, सुंदरता, गाय और चतुर्थ भाव का कारक माना जाता है| आठवें घर और उससे जुडी भ्रांतियों से डरने की बजाय, तर्क संगत विचार करने से सारी तस्वीर साफ़ हो सकती है. कुंडली में अगर चन्द्रमा आठवें घर में बलवान होकर बैठा हो तो व्यक्ति बहुत गहराई से सोचने वाला हो सकता है. ज्योतिष या दूसरी दैवीय विद्याओं में रूचि हो सकती है. मंगल, शनि ग्रह से सम्बन्ध हो तो तांत्रिक क्रियाओं से जुड़ा हो सकता है. भूमि के नीचे पाए जाने वाली चीजों के कारोबार में सफलता मिल सकती है. आयल , पेट्रोलियम और खनन जैसे क्षेत्रों में सफल हो सकता है और अच्छा धन कमा सकता है. ऐसे व्यक्ति अपनी माँ के साथ गहरी भावनाओं के साथ जुड़े हो सकते हैं, माँ के दिशा निर्देशों को अनदेखा नहीं कर सकते.कुंडली में अगर चन्द्रमा आठवें घर में बलवान होकर बैठा हो तो ऐसे लोग रहस्यवादी हो सकते हैं. गुप्तचर विभाग या गुप्तचर सेवा से जुड़े कामों से फायदा उठा सकते हैं. कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा हो तो ऐसे लोगों के पास गजब की मानसिक शक्तियां हो सकती है. जिसके कारण ऐसे लोग वैकल्पिक चिकित्सा से लोगों का उपचार कर सकते हैं.

अक्सर देखने में आया है कि चन्द्रमा आठवें घर में बलवान होकर बैठा हो तो गुप्त संबंधों को भी बढ़ावा दे सकता है. अपनी इच्छा पूर्ति के लिए गुप्त कामों में लगे हो सकते हैं. मूलतः चन्द्रमा हमारे बचपन और उस समय के वातावरण के बारे में सटीक जानकारी दे सकता है. बाकी दूसरे ग्रहों कि स्थिति पर ज्यादा निर्भर करता है. अकेला मजबूत चन्द्रमा, मजबूत मानसिक स्थिति की जानकारी देता है. प्रेम संबंधों से या किसी महिला से या उसके कारण धन प्राप्ति हो सकती है. ऐसे लोगों को विरासत में भी धन मिल सकता है. लाटरी आदि से लाभ हो सकता है. राज्य से या किसी राजनेता से अच्छे सम्बन्ध बनाकर फायदा उठा सकता है. ऐसे व्यक्तियों में कोई छिपी हुई प्रतिभा हो सकती है. मनोरंजन या कला के क्षेत्र में लोगों के बीच लोकप्रिय हो सकता है.
(M) कुंडली में चन्द्रमा आठवें घर में अगर कमजोर अवस्था में बैठा हो और उसके नकारात्मक परिणामों की बात करें तो ऐसे लोगों को मानसिक अवसाद बहुत बड़ी समस्या बन सकता है. बिना किसी कारण के लम्बे समय तक दुखी महसूस कर सकते हैं. दूसरे लोगों से दूरी बना सकते हैं उन पर बिना किसी कारण के शक कर सकते हैं. एकांत में रहना पसंद कर सकते हैं. ऐसे लोगों का अपनी माँ से भी सम्बन्ध खराब रह सकता है. बिना वजह की भ्रांतियों से घिरा हो सकता है. दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो तो ऐसे लोग यौन पीड़ित हो सकते हैं या किसी को पीड़ित कर सकते हैं. ऐसे लोगों के दिमाग में अस्थिरता हो सकती है. अक्सर गलत निर्णय लेने के बाद पछतावा करते रह सकते हैं. ऐसे लोग तंत्र मन्त्र का गलत इस्तेमाल कर सकते है. इसी के नाम पर लोगों से ठगी कर सकते हैं.

(m) चन्द्रमा आठवें घर में अगर कमजोर अवस्था में बैठा हो तो ऐसे लोग अनेक गुप्त संबंधों में लिप्त हो सकते है. गुप्त संबंधों के उजागर होने के डर से कोई बड़ा अपराध कर सकते हैं. लाटरी और सट्टे की लत का शिकार हो सकते है, अपना धन गँवा सकते हैं. ड्रग्स और नशे की लत का शिकार हो सकते हैं. राज्य से भय बना रह सकता है. समाज में बदनामी होने का डर बना रह सकता है. बलवान चन्द्रमा के सकारात्मक परिणाम तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ मिल रहा है. कमजोर चन्द्रमा के नकारात्मक परिणाम भी तभी मिलते हैं जब कुंडली में दूसरे ग्रहों का साथ नहीं मिल रहा हो.

चन्द्रमा वृष राशी में उच्च और वृश्चिक राशी में नीच का माना जाता है| चन्द्रमा से वात , कफ का विचार किया जाता है | चन्द्रमा जलीय , स्त्री गृह और वायव्य दिशा का स्वामी होता है | चन्द्रमा से कफ संबंधित रोग, गला, छाती, मानसिक रोग के अलावा आँखों की बीमारी, कैल्शियम की कमी, मिरगी के दौरे और आलस का विचार भी किया जाता है.चन्द्रमा से जुड़ी मानसिक क्रियाओं और उपायों से इसके नेगेटिव इफेक्ट्स को कम किया जा सकता है.

सबसे महत्वपूर्ण बात होती है कि आठवें भाव में कौन सी राशि है ,आठवें भाव में कौन सा ग्रह है उसके साथ कौन से ग्रह हैं उस पर किसकी दृष्टि है, अष्टमेश कंहा है उस पर किसकी दृष्टि है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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