पटना. बिहार के किसी भी जिले में ड्राइविंग लाइसेंस बनाना अब आसान नहीं होगा. एक्सपर्ट ड्राइवर ही अब ड्राइविंग लाइसेंस के हकदार होंगे. इसके लिए पटना और औरंगाबाद जिले की तरह सभी जिलों में ऑटोमेटेड ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनाए जाएंगे. आधुनिक ट्रैक बन जाने के बाद ड्राइविंग टेस्ट मैनुअली नहीं बल्कि स्मार्ट तकनीक से होगा. ट्रैक निर्माण के लिए राज्य के 20 बड़े जिलों को राज्य सरकार 75-75 जबकि छोटे जिलों को 50-50 लाख की राशि आवंटित कर चुकी है.
परिवहन विभाग द्वारा सभी जिलों को इस दिशा में तेजी से काम करने को कहा गया है. अधिकांश जिलों में जमीन अधिग्रहण कर ली गई है या फिर चिन्हित करने की प्रक्रिया चल रही है. जिन जिलों में काम देरी से हो रहा है वहां के डीएम से सितंबर के अंत तक रिपोर्ट भी तलब की गई है. ड्राइविंग टेस्ट की व्यवस्था पहले से ज्यादा पारदर्शी होगी. फिलहाल पटना औरंगाबाद को छोड़कर दूसरे जिलों में ड्राइविंग जांच की परीक्षा मैनुअली संपन्न होती है लेकिन लगातार इस तरह की शिकायतें मिलती रही हैं कि दलालों की मिलीभगत से आवेदक घर बैठे ड्राइविंग लाइसेंस ले ले रहे हैं, ऐसे में नई व्यवस्था पारदर्शी होगी खासकर चार पहिया वाहन और भारी वाहनों का लाइसेंस पाना काफी मुश्किल हो जाएगा.
ऑटोमेटेड टेस्टिंग ट्रैक ड्राइविंग टेस्ट के लिए डिवाइडर, जेबरा क्रॉसिंग, सिग्नल, स्पीड नियंत्रण बोर्ड लगा रहेगा. इसके अलावा कैमरा और सेंसर भी लगाए जाएंगे. गाड़ी चलाने और दाएं बाएं करने के अलावा गति बढ़ाने और रोकने में अभ्यर्थी कितने सक्षम हैं इन सभी मानको पर अंक आवंटित किया जाएगा. गलती करने पर अंक काट भी लिया जाएगा. कंप्यूटर द्वारा यह पूरी रिपोर्ट तैयार होगी और ऐसे में अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि ड्राइविंग टेस्ट परीक्षा अब किसी बड़ी परीक्षा की तरह ही संपन्न होगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार में मूर्ति विसर्जन के दौरान 5 बच्चियां डूबीं, 2 को बचाया गया, 3 लापता
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