आरक्षण के लिए कांग्रेस को कोसना छोड़ो! मोदी का दावा- कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण का विरोधी रही है?

आरक्षण के लिए कांग्रेस को कोसना छोड़ो! मोदी का दावा- कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण का विरोधी रही है?

प्रेषित समय :07:05:48 AM / Thu, Sep 23rd, 2021

प्रदीप द्विवेदी. बिहार विधान परिषद के सभागार में पूर्व मुख्यमंत्री भोला पासवान शास्त्री की 108 वीं जयंती पर आयोजित व्याख्यानमाला को सम्बोधित करते हुए बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री और राज्यसभा के सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कांग्रेस को आरक्षण विरोधी करार देते हुए कहा कि- अटल जी की सरकार ने संविधान में संशोधन कर एससी, एसटी के लिए प्रमोशन में आरक्षण का प्रावधान किया. भाजपा एससी, एसटी के प्रमोशन में क्रीमी लेयर के पक्ष में नहीं, सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मजबूती से कर रही विरोध....

* एससी, एसटी के प्रमोशन के मामले में सरकार की अपील पर सुप्रीम कोर्ट शीघ्र दें फैसला.

* संसदीय व नौकरियों में आरक्षण गांधी और अम्बेडकर की देन.

मोदी का दावा है कि- कांग्रेस शुरू से ही आरक्षण की विरोधी रही है, 27 जून, 1961 को राज्यों के मुख्यमंत्रियों को नेहरू जी द्वारा लिखे एक पत्र से स्पष्ट है कि उनकी मानसिकता आरक्षण के पक्ष में नहीं थी, क्योंकि उनका मानना था कि आरक्षण से अयोग्य व अक्षम लोग नौकरियों में आते हैं.

उनका कहना है कि- सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में क्रीमी लेयर लागू करने का निर्देश दिया है, जिसका भाजपा मजबूती से विरोध कर रही है. सुप्रीम कोर्ट एससी, एसटी के प्रमोशन के मामले में शीघ्र फैसला दें क्योंकि पूरे देश में प्रमोशन के हजारों मामले पिछले कई वर्षों से अटके हुए हैं.

उनका यह भी दावा है कि- नरेंद्र मोदी सरकार ने एससी, एसटी अत्याचार अधिनियम की कुछ धाराओं को जब सुप्रीम कोर्ट ने हटाया, तो अधिनियम में संशोधन करके न केवल इसे पुनर्स्थापित किया बल्कि 11 नई धाराएं जोड़ कर उसे और अधिक कठोर भी बनाया. विभिन्न मामलों में मुआवजे की राशि 75 हजार से 7.5 लाख तक कर दी.

उनका कहना है कि संसदीय और नौकरियों में आज जो आरक्षण हैं, वह गांधी और अम्बेडकर की देन है. अगर आरक्षण का प्रावधान नहीं होता, तो शायद ही कोई दलित संसद और विधान सभाओं में पहुंच पाता. भाजपा के लिए देश की 22.5 प्रतिशत एससी, एसटी आबादी की हित-रक्षा रणनीति नहीं, निष्ठा है!

सियासी सयानों का मानना है कि मोदी टीम को अपने सवर्ण समर्थकों पर कुछ ज्यादा ही भरोसा है कि वे तो कहीं जाएंगे ही नहीं?

लिहाजा, यह देखना दिलचस्प होगा कि एससी, एसटी मतदाता आनेवाले यूपी सहित विभिन्न चुनावों में मोदी टीम पर कितना भरोसा करते हैं? कितने वोट देते हैं?

क्योंकि, यदि एससी, एसटी मतदाताओं ने मोदी टीम पर भरोसा नहीं किया और सवर्णों ने भी साथ छोड़ दिया तो यह बयानी दांव भारी पड़ जाएगा!

https://twitter.com/SushilModi/status/1440310613259919373

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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