नजरिया. बिहार के सीएम नीतीश कुमार की मांग पीएम नरेंद्र मोदी ने नजरअंदाज कर दी और जातीय जनगणना से इंकार कर दिया है.
याद रहे, जातीय जनगणना के लिए तो नीतीश कुमार 10 दलों की टीम लेकर पीएम से मिलने दिल्ली पहुंचे थे और मुलाकात में जातिगत जनगणना की खूबियां भी गिनाई थी, लेकिन मोदी सरकार ने साफ कर दिया कि जातीय जनगणना नहीं होगी.
इसी साल 23 अगस्त 2021 को बिहार के सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के साथ सीएम नीतीश कुमार ने पीएम मोदी से मुलाकात की थी, जिसमें उनके साथ जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी तो थे ही, तेजस्वी यादव भी थे, परन्तु बात बनी नहीं.
खबर है कि सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने साफ-साफ बता दिया है कि फिलहाल जातीय जनगणना संभव नहीं है. ये एक नीतिगत फैसला है. इसके बारे में कोई निर्देश नहीं दिया जाए.
वैसे, सियासी सयानों का मानना है कि नीतीश कुमार आगे क्या करेंगे यह तो समय बताएगा, परन्तु इससे उन्हें एक बड़ा सियासी फायदा हो गया है कि यदि कभी राजनीतिक पाला बदलना चाहें, तो एक बड़ा मुद्दा मिल गया है?
Pushpam Priya Choudhary @pushpampc13 आज केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में जातीय जनगणना से इंकार करके बता दिया कि बिहार के अक्षम सीएम और नकली नेताओं की हैसियत कितनी है. इनको जवाब तक नहीं भेजा. खुद भी आप बेइज्जत होइये और बिहार को भी नीचा दिखाइए!
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