भोपाल. मध्यप्रदेश में आउटसोर्स बिजली कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. इस वजह से पूरे प्रदेश में बिजली सेवाएं प्रभावित होना शुरू हो गई हैं. कर्मचारी अपनी मांग को लेकर कर्मचारी अड़े हुए हैं. कुछ दिन पहले ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह ने आउटसोर्स कर्मचारियों की मांगें पूरा करने के लिए आश्वासन दिया था. लेकिन तय समय पर मांग पूरी नहीं की गईं. इससे पहले भी सिर्फ आश्वासन दिया गया. यही कारण है कि अब सभी कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं.
आउटसोर्सिंग कर्मचारी, बिजली कंपनियों में संविलियन करने की मांग है कर रहे हैं. बिजली कर्मचारियों का कहना है अपनी मांगों को लेकर उनका प्रतिनिधि मंडल 23 अगस्त को ऊर्जा मंत्री से मिला था. उस दौरान मंत्री ने समस्या का निपटारा कर मांगें पूरी करने का आश्वासन दिया था. बिजली कर्मचारियों का आरोप है कि मंत्री ने आश्वासन दिया लेकिन लिखित में कोई भी मांग अभी तक नहीं मानी. यदि उन्हें लिखित में मांगों को पूरा करने का आश्वासन मिलता तो कर्मचारी हड़ताल का विकल्प नहीं चुनते.
मध्य प्रदेश विद्युत आउटसोर्स कर्मचारी संगठन के नेतृत्व में भोपाल में गोविंदपुरा बिजली ऑफिस के गेट पर कर्मचारियों ने बड़ी संख्या में इकट्ठे होकर धरना प्रदर्शन किया. इनका कहना है अनिश्चितकालीन हड़ताल मजबूरी में की जा रही है. कई बार ज्ञापन और प्रतिनिधि मंडल मिलने के बावजूद उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है. यह हड़ताल तब तक जारी रहेगी जब तक उनकी मांगों को मान नहीं लिया जाता.
प्रदेश की बिजली कंपनियों में 45,000 आउटसोर्स कर्मचारी हैं. यह बिजली विभाग से जुड़े अलग-अलग काम करते हैं. बिजली का मेंटेनेंस हो या फिर दूसरे काम काज सभी में ये तैनात हैं. हड़ताल के कारण इनकी बिजली गुल होना शुरू हो गया है. उपभोक्ता इससे परेशान हैं. इसके अलावा राजस्व वसूली, मीटर रीडिंग, बिल वितरण, उपभोक्ता कंप्लेंट, नए कनेक्शन, लाइनों का मेंटेनेंस, फाल्ट फिटरो का सुधार काम भी प्रभावित होगा. बिजली उपभोक्ताओं को भी समस्याओं का सामना भी करना पड़ रहा है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-अवैध शराब निर्माण में विषैले रसायन के उपयोग पर सख्त एमपी सरकार, दिये कार्यवाही के निर्देश
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