इस्लामाबाद. पाकिस्तान में बेरोजगारी दर 16 फीसदी तक पहुंच गई है. प्रधानमंत्री इमरान खान रोजगार के मुद्दे पर बुरी तरह से फेल हुए हैं. सरकारी योजनाएं पिट गई हैं. पड़ोसी मुल्क में बढ़ती बेरोजगारी का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकारी चपरासी के एक पद के लिए 15 लाख लोगों ने आवेदन किया है.
डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, हाईकोर्ट में एक चपरासी के पद के लिए कम से कम 15 लाख लोगों ने आवेदन किया था. अधिकारियों ने कहा कि नौकरी के लिए आवेदन करने वालों में एमफिल डिग्री धारक भी शामिल रहे.
पाकिस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स (पीआईडीई) ने सोमवार को आंकड़े जारी किए. इसके अनुसार पाकिस्तान में बेरोजगारी दर इस समय अपने उच्चतम स्तर पर है. ये इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान सरकार के 6.5 प्रतिशत के दावे के उलट 16 फीसदी है.
इस बीच पाकिस्तान की स्टैटिस्टिक्स ब्यूरो द्वारा प्रकाशित श्रम बल सर्वेक्षण के अनुसार 2017-18 में पाकिस्तान की बेरोजगारी 5.8 फीसदी से बढ़कर 2018-19 में 6.9 फीसदी हो गई. सत्ता में पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के पहले वर्ष में पुरुषों और महिलाओं दोनों के मामले में बेरोजगारी में बढ़ोतरी देखी गई. पुरुष बेरोजगारी दर 5.1 फीसदी से बढ़कर 5.9 फीसदी और महिला बेरोजगारी दर 8.3 फीसदी से बढ़कर 8.9 फीसदी हो गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-जम्मू-कश्मीर के उरी में सुरक्षाबलों ने मार गिराये 3 पाकिस्तानी आतंकी, भारी मात्रा में हथियार बरामद
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