पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर स्थित गोरखपुर तहसीलदार कार्यालय में आज उस वक्त अफरातफरी व भगदड़ मच गई, जब लोकायुक्त की टीम ने नामातरंण के लिए दो हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए महिला क्लर्क शोभा गुप्ता को रंगे हाथ पकड़ लिया, लोकायुक्त टीम के हत्थे चढ़ते ही रुपए फेंककर महिला क्लर्क शोभा गुप्ता ने दौड़ लगा दी, जिसे पीछा करते हुए पकड़कर समझाइश दी.
बताया गया है कि गोरखपुर तहसीलदार कार्यालय में पदस्थ महिला क्लर्क शोभा गुप्ता द्वारा एक दलाल किशन श्रीवास्तव के माध्यम से भवन नामांतरण से लेकर अन्य कार्यो के लिए रिश्वत ली जाती रही. ऐसे ही एक भवन नामांतरण के लिए उत्कर्ष उपाध्याय ने आवेदन किया, जिसपर महिला क्लर्क शोभा गुप्ता द्वारा दलाल किशन श्रीवास्तव के माध्यम से रिश्वत की मांग की, पहले तो उत्कर्ष उपाध्याय ने रिश्वत देने से मना कर दिया जिसपर शोभा गुप्ता ने काम को रोक दिया, इसके बाद उत्कर्ष ने लोकायुक्त एसपी अनिल विश्वकर्मा से शिकायत की, आज उत्कर्ष उपाध्याय तहसीलदार कार्यालय पहुंचा और शोभा गुप्ता को दो हजार रुपए की रिश्वत दी, जैसे ही शोभा ने रुपए लिए तभी लोकायुक्त की टीम ने घेराबंदी करते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया, लोकायुक्त टीम को देखते ही शोभा गुप्ता रुपए फेंककर भाग निकली, जिससे आफिस में अफरातफरी व भगदड़ मच गई. देर शाम को हुई कार्यवाही की खबर लगते ही अधिकारी भी हतप्रभ रह गए. हालांकि बाद में शोभा गुप्ता को समझाइश देते हुए वापस बुलाया गया और आगे की कार्यवाही की गई है. गौरतलब है कि शोभा गुप्ता कलेक्ट्रेट आफिस में पदस्थ होने के कारण उस वक्त चर्चाओं में आई थी जब पटाखा बाजार में अपने आप को अधिकारी बताते हुए दुकानदारों से पटाखा लेने पहुंची थी, इस मामले की शिकायत भी अधिकारियों से की गई थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एम्स भोपाल के डिप्टी डायरेक्टर धीरेंद्र प्रताप सिंह को सीबीआई रिश्वत लेते हुए पकड़ा
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