पलपल संवाददाता, जबलपुर/भोपाल. मध्यप्रदेश के निजी स्कूल संचालकों ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसमें कोरोना संक्रमण में माता या पिता या फिर दोनों को खो देने वाले बच्चों से दो साल तक आधी फीस ली जाएगी. एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट स्कूल मध्यप्रदेश के सभी सदस्यों ने निर्णय लिया है, एसोसिएशन के तहत प्रदेश में सीबीएसई व आईसीएसई बोर्ड के दस हजार से ज्यादा स्कूल है, कोरोना से अब 10 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
इस संबंध में निजी स्कूल एसोसिएशन के पदाधिकारियों का कहना है कि कोरोना के चलते कई बच्चों के सामने आर्थिक संकट आ गया, कई लोगों की जान चली गई, ऐसे कई बच्चे है जिन्होने अपने माता, पिता या फिर दोनों में किसी एक को खो दिया है, जिसके चलते ऐसे बच्चों से आधी फीस लेने का निर्णय लिया गया है, वहीं मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से अपील भी की है कि ऐसे बच्चों की आधी फीस सरकार द्वारा भरी जाए ताकि बच्चों की शिक्षा में कोई व्यवधान न हो. इसके लिए बच्चों को एक आवेदन देना होगा, जिसकी जांच के बाद बच्चों को लाभ दिया जाएगा, यदि शासन द्वारा बच्चों की आधी फीस दी जाती है तो ऐसे परिवारों को और भी ज्यादा राहत मिलेगी.
गौरतलब है कि एमपी सरकार कोरोना की दूसरी लहर में अनाथ बच्चों का पूरा खर्च उठा रही है. एक मार्च से 30 जून 2021 के दौरान माता-पिता दोनों या अभिभावक की मौत वाले बच्चों को इसका लाभ मिल रहा. प्रदेश भर से शासन को 395 आवेदन मिले जिसमें से 323 पात्रों में से 228 की सहायता मंजूर की जा चुकी है. 18 साल तक चिन्हित संरक्षक के खाते में यह राशि जमा होगी. 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने के बाद राशि बच्चे के व्यक्तिगत खाते में जमा कराए जाएगी. ऐसे परिवार को बीपीएल कार्ड धारक के समान नि:शुल्क राशन प्राप्त करने की पात्रता होगी. इसके अलावा स्कूल, उच्च, तकनीकी, चिकित्सा एवं विधि शिक्षा की राशि का भुगतान भी सरकार वहन करेगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रिजर्व बैंक ने मध्यप्रदेश के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पर लगाया जुर्माना
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