पलपल संवाददाता, रीवा/ जबलपुर. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस विशाल मिश्रा ने रीवा शहर की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका के मामले में डीजीपी व रीवा एसपी को आदेश दिया है, कि सब इंस्पेक्टर द्वारा अपह्रत की गई युवती को मुक्त कराकर 8 अक्टूबर को सुबह 10 बजे कोर्ट में प्रस्तुत करें, जिससे अपहरण हुई युवती अपने परिजनों से मिल सके.
रीवा शहर के सिटी कोतवाली थाना में पदस्थ सब इंस्पेक्टर सौरभ सोनी निवासी मोतीलाल नेहरु कोतवाली जबलपुर 16 सितम्बर से फरार है, जिसपर आरोप है कि शहर के पडऱा शांति बिहार कालोनी निवासी 25 वर्षीय इंजीनियर युवती रमा गोविंद पैलेस में अप्रेंटिस करते वक्त सब इंस्पेक्टर के संपर्क में आई, इसके बाद 16 सितम्बर को फरार होकर सौरभ सोनी के साथ जबलपुर चली गई, युवती के परिजनों का आरोप है कि सब इंस्पेक्टर ने युवती का अपहरण किया है, यहां तक युवती के परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि सब इंस्पेक्टर पहले भी दो युवतियों को अपने मायाजाल के फंसाकर जिंदगी बर्बाद कर चुका है, अब तीसरी युवती को अपहरण कर अपने जबलपुर स्थित आवास में रखा है, इस बात की शिकायत के बाद भी पुलिस के अधिकारी मदद नहीं कर रहे है, जिससे परेशान होकर हाईकोर्ट में रिट याचिका लगाई है.
यहां तक कि यहां से जाने के बाद युवती अपने परिजनों से बात नहीं कर रही है, साथी ही अनहोनी की आशंका को लेकर सिविल लाइन थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई, लेकिन कुछ नहीं हुआ, अंतत: 21 व 23 सितम्बर को युवती के परिजनों ने शिकायती आवेदन देकर कार्यवाही की मांग की लेकिन निराशा ही हाथ लगी. फिर परिजनों ने 4 अक्टॅूबर को बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका हाईकोर्ट में दायर की, पैरवी आलोक मिश्रा व कुमदी रानी मिश्रा ने की, बहस के दौरान याचिकाकर्ता की तरफ से प्रमुख सचिव गृह विभाग, डीजीपी भोपाल एवं एसपी-कलेक्टर रीवा, जबलपुर को आदेशित किया है कि पुलिस उपनिरीक्षक सौरभ सोनी द्वारा अगवा की गई इंजीनियर युवती को मुक्त कराएं. साथ ही 8 अक्टूबर की सुबह 10 बजे जबलपुर हाईकोर्ट में जस्टिस विशाल मिश्रा की कोर्ट में प्रस्तुत करें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रिजर्व बैंक ने मध्यप्रदेश के जिला सहकारी केंद्रीय बैंक पर लगाया जुर्माना
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