श्रीनगर. जम्मू-कश्मीर में लगातार हो रही आतंकी घटनाओं से घबराए प्रवासी कर्मचारी घाटी छोड़ चुके हैं. ऐसे में कश्मीर के संभागीय आयुक्त ने शनिवार को कश्मीर के 10 जिलों के उपायुक्तों को यह सुनिश्चित करने के आदेश दिए हैं कि कोई भी प्रवासी कर्मचारी घाटी छोड़कर न जाए. साथ ही उन्होंने यह चेतावनी भी दी है कि अगर कोई अनुपस्थित रहता है, तो उसके साथ सेवा नियमों के हिसाब से कार्रवाई होगी.
कुछ उपायुक्तों ने गोपनीयता की शर्त पर बताया कि वे कुछ करने से पहले सरकार के आदेश का इंतजार करेंगे. कुछ ही दिनों पहले सिख प्राचार्य और कश्मीरी हिंदू शिक्षक की आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी. इसके बाद असुरक्षित महसूस कर रहे कई कर्मचारियों ने घाटी छोड़ दी थी. इन लोगों का कहना था कि प्रशासन ‘असंवेदनशील’ हो रहा था.
जम्मू वापसी कर चुके कई लोग घाटी में काम के लिए लौटने को लेकर सतर्क हैं. जबकि, कुछ ने अभी के लिए यहां नहीं आने का फैसला किया है. रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 में प्रधानमंत्री के पैकेज के तहत जम्मू और कश्मीर शिक्षा विभाग में नौकरी के साथ श्रीनगर आए सिद्धार्थ रैना (बदला हुआ नाम) अब जम्मू लौट गए हैं. उन्होंने बताया कि ज्यादातर शिक्षक अब ऑनलाइन क्लासेज ले रहे हैं.
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