जबलपुर. आल इंडिया रेलवेमैंस फेडरेशन (एआईआरएफ) की पटना में आयोजित दो दिनी राष्ट्रीय कार्यकारिणी (वर्किंग कमेटी) की बैठक में देश भर के रेल जोनों से आये सदस्यों ने एकमत से केंद्र सरकार के रेलवे के निजीकरण, निगमीकरण व मौद्रीकरण के खिलाफ आर-पार के संघर्ष का ऐलान किया है. शीघ्र ही इसमें भविष्य के आंंदोलन की रणनीति का ऐलान किया जाएगा.
एआईआरएफ के असिस्टेंट जनरल सैक्रेट्री व वेस्ट सेंट्रल रेलवे एम्पलाइज यूनियन (डबलूसीआरईयू) के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि पटना में गत दिवस एआईआरएफ की कार्यकारिणी की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में फेडरेशन के कार्यकारी अध्यक्ष जेआर भोंसले व महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा की मौजूदगी में रेलवे के निजीकरण, निगमीकरण व मौद्रीकरण के खिलाफ एकजुटता का संकल्प पारित हुआ. इस बैठक में यूनियन महामंत्री मुकेश गालव ने अपने संबोधन में कहा कि वक्त है देश भर के रेल कर्मचारियों की एकजुटता के साथ केेंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों से निपटने की.
उन्होंने कहा कि रेलवे के निगमीकरण, निजीकरण, मौद्रीकरण से जहां रेल कर्मचारी प्रभावित होगा, वहीं सामान्य जन के साथ-साथ हर वर्ग के लोग भी प्रभावित होंगे, चाहे व वकील हों, अफसर हों, व्यापारी हों, या केंद्रीय व राज्य सरकार के विभागों में काम करने वाले कर्मचारी, क्योंकि अभी तक रेलवे लोगों के आवागमन का सबसे सुगम व सस्ता साधन थी, किंतु सरकार के निर्णय के बाद जब निजी क्षेत्र का इसमें कब्जा होगा तो यात्री आम लोगों के लिए काफी महंगी होगी, साथ ही लोगों को रेलवे में रोजगार उपलब्ध होना दूर की कौड़ी होगी. बैठक में संकल्प पारित करके केंद्र सरकार से आरपार के संघर्ष का निर्णय लिया गया. एआईआरएफ की इस बैठक में डबलूसीआरईयू की जोनल सचिव चंपा वर्मा ने भी मुखरता से अपनी बाात रखी और फेडरेशन में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की मांग की.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-रेलकर्मियों को बोनस मिलने में नहीं हो विलंब, एआईआरएफ-डबलूसीआरईयू ने रेलवे बोर्ड पर बनाया दबाव
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