एमपी के 18 जिलों के ट्रांसमिशन का ठेका अडाणी गु्रप को मिला, बिजली उपभोक्ताओं को हर माह 13 रुपए अतिरिक्त देना होगें

एमपी के 18 जिलों के ट्रांसमिशन का ठेका अडाणी गु्रप को मिला, बिजली उपभोक्ताओं को हर माह 13 रुपए अतिरिक्त देना होगें

प्रेषित समय :18:09:18 PM / Wed, Oct 20th, 2021

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश में बिजली उपभोक्ताओं को अब हर माह बिजली बिल में 13 रुपए अतिरिक्त देना होगा, जिसकी वजह है कि पावर ट्रांसमिशन टू का ठेका 12सौ करोड़ रुपए में अडाणी ग्रुप को दे दिया गया है, अगले 35 सालों तक अडाणी ग्रुप ट्रांसमिशन लाइन के रखरखाव से लेकर संचालन का काम क रेगा, जिसके बदले ग्रुप को प्रदेश की वितरण कंपनियों द्वारा टैरिफ के अनुसार हर वर्ष 250 करोड़ रुपए मिलेगें.

बताया जाता है कि एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने वर्ष 2007 तक की उर्जा की आवश्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुए ट्रांसमिशन क्षमता के विस्तार का प्रोजेक्ट तैयार किया था, अभी तक ग्रामीण विद्युतीकरण कारपोरेशन एमपी पावर ट्रांसमिशन कंपनी को ही ठेका देती रही, इसमें 30 प्रतिशत अंशपूजी राज्य सरकार देती थी लेकिन इस अंशपूंजी से बचने के लिए बिड में निजी क्षेत्र की कंपनियों को भी शामिल किया था. लेकिन सबसे कम बोली 12सौ करोड़  के आधार पर अडाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड को ठेका मिला है, कंपनी 35 साल तक ट्रांसमिशन प्रोजेक्ट के निर्माण, स्वामित्व, संचालन व रखरखाव करेगी. जिसके चलते कं पनी को यह काम मिला है, 220 केवीए क्षमता के सब स्टेशन. बेगमगंज रायसेनए बरगवान सिंगरौलीए अजयगढ़ पन्नाए मानपुर उमरिया. 132 केवीए सब स्टेशन नरवार शिवपुरी, मेहलुआ चौराहा, विदिशा, वीरपुर, श्योपुर, ग्वालियर,  कन्हैया, ढाना, शिवपुरी, कनेथर, भिंड, केवलारी, सिवनी, हर्रई छिंदवाड़ा, सिमरिया पन्ना, खैरा, रीवा, देवेंद्र नगर पन्ना और बहोरीबंद कटनी. पावर प्लांटों से आपके घर तक बिजली पहुंचाने का काम पावर ट्रांसमिशन कंपनियां करती हैं. वह बिजली का तार, सब स्टेशन बनाती हैं और उसकी देखरेख करती हैं. यह खर्च वह बिजली वितरण कंपनियों से वसूलती हैं. बिजली वितरण कंपनियां यह खर्च आम उपभोक्ता से लेती हैं. कंपनी को हर साल ट्रांसमिशन लाइन का उपयोग करने के एवज में विद्युत वितरण कंपनियों से 250 करोड़ रुपए के लगभग भार पड़ेगा. विद्युत वितरण कंपनियां ये रकम आम उपभोक्ताओं की बिजली को महंगी करके जुटाएंगी. प्रदेश में अभी मौजूदा समय में 1.59 करोड़ उपभोक्ता हैं. औसत भार मानें तो हर उपभोक्ता पर 157 रुपए का भार सालाना पड़ेगा. इसे महीने के अनुसार जोड़ें तो हर महीने 13 रुपए बिल बढ़कर देने पड़ेंगे.
 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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