लखनऊ. चित्रकूट की महिला से गैंगरेप के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति को बड़ा झटका लगा है. लखनऊ के एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट ने गैंगरेप मामले में दोषी करार दिया है. उनके साथ ही अशोक तिवारी, आशीष शुक्ला को भी मामले में दोषी माना गया है. अब कोर्ट 12 नवंबर को सजा सुनाएगा. वहीं दूसरी तरफ विकास वर्मा, रूपेश्वर, अमरेंद्र सिंह, पिंटू और चंद्रपाल को कोर्ट ने बरी कर दिया है. गौरतलब है कि इससे पहले कोर्ट ने गायत्री प्रजापति समेत अन्य आरोपियों को मौखिक साक्ष्य देने का अवसर 2 नवंबर को खत्म कर दिया था. पूर्व खनन मंत्री गायत्री प्रजापति की तरफ से मंगलवार को ही मामले में अर्जी लगाकर मुकदमे की तारीख आगे बढ़ाए जाने की मांग की गई थी. इसमें कहा गया था कि इस मुकदमे को किसी दूसरे राज्य में ट्रांसफर करने की मांग को लेकर उनकी ओर से सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की गई है, इसी के साथ एमपी एमएलए कोर्ट के उस आदेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट लखनऊ बेंच में चुनौती दी गई है जिसमें उसके बचाव के सबूत पेश करने की अर्जी को खारिज कर दिया गया था.
पीड़िता को दिया था लालच
वहीं 8 नवंबर को अभियोजन की ओर से प्रार्थना पत्र देकर कोर्ट से अनुरोध किया गया था कि गवाह अंशु गौड़ ने अपने बयान में साफ कहा है कि पीड़िता को कई प्लाटों की रजिस्ट्री और भारी रकम का लालच देकर कोर्ट में सही गवाही न देने के लिए राजी किया गया था. अभियोजन ने रजिस्ट्री को साबित करने के लिए रजिस्ट्रार लखनऊ और पीड़िता की ओर से दिल्ली के कोर्ट को दिए गए कलम बंद बयान को तलब करने का आदेश देने की भी मांग की गई थी.
उल्लेखनीय है कि पीड़िता एमपी एमएलए कोर्ट में गायत्री प्रजापति पर लगाए गैंग रेप के आरोपों से मुकर चुकी है. अखिलेश यादव की सरकार के दौरान कैबिनेट मंत्री रहे गायत्री प्रजापति इसी गैंगरेप के मामले में जेल में बंद है. 18 फरवरी 2017 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद गायत्री प्रजापति पर एफआईआर दर्ज की गई थी. वहीं 15 मार्च 2017 को इस मामले में प्रजापति को गिरफ्तार किया गया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-सपा के परफ्यूम पर डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा बोले- यूपी को नहीं चाहिए अपराध वाला इत्र
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