मोटापे से ग्रस्त बच्चों को कोरोना के गंभीर संक्रमण का खतरा अधिक होता है. एक अध्ययन में यह निष्कर्ष सामने आया है. अध्ययन के मुताबिक कोरोना के साथ ही मधुमेह और मोटापे की वजह से बच्चों में अस्पताल में भर्ती होने की संभावना बढ़ जाती है.
कनाडा, ईरान और कोस्टा रिका में 400 से अधिक कोरोना मरीजों (12 साल से अधिक उम्र वाले बच्चे) पर हुए हालिया अध्ययन से पता चला है कि मोटापा कोरोना के गंभीर संक्रमण से जुड़ा हुआ है. अध्ययन के मुताबिक मोटापा एकमात्र मुख्य स्वास्थ्य स्थिति थी, जिसने इस आयु वर्ग में कोरोना के गंभीर संक्रमण के जोखिम को तीन गुना तक बढ़ाया.
शोधकर्ताओं के मुताबिक कोरोना के गंभीर संक्रमण का संबंध अधिक वजन से क्यों हैं, इसके बारे में अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है, लेकिन ऐसा लगता है कि अधिक वजन और मोटापा विशेष रूप से इस बात को प्रभावित करता है कि संक्रमण में हमारी प्रतिरक्षा प्रणाली वायरस को शुरूआत में ही कितनी अच्छी तरह नियंत्रित कर सकती है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक मोटापे का एक यांत्रिक प्रभाव भी हो सकता है, जिसमें मोटापा अंदर से छाती को संकुचित करता और तनाव के समय फेफड़ों की गतिविधियां और वायुमार्ग का आकार कम हो जाता है.
शोधकर्ताओं के मुताबिक यदि आपके बच्चे अधिक वजन वाले हैं, तो उन्हें टीके कोरोना से सर्वोत्तम सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं. साथ ही शोधकर्ताओं ने कहा कि अगर किसी अभिभावक को लगता है कि उनके बच्चे का वजन बढ़ सकता है, तो अभिभावकों को परिवार की शारीरिक गतिविधि, स्क्रीन टाइम, सोने और खाने के व्यवहार में कुछ बदलाव करने पर विचार करना चाहिए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-त्योहारों के बाद हो रही पेट की समस्या, तो आपके काम के हैं ये टिप्स
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