किसान आंदोलन थमा नहीं, अब जाट आरक्षण की फिर जोर पकड़ रही मांग: बढ़ेगी बीजेपी की मुश्किल

किसान आंदोलन थमा नहीं, अब जाट आरक्षण की फिर जोर पकड़ रही मांग: बढ़ेगी बीजेपी की मुश्किल

प्रेषित समय :10:18:12 AM / Wed, Nov 24th, 2021

नई दिल्ली. तीन नए कृषि कानूनों की वापसी के बाद यूपी समेत 5 राज्यों के चुनावी संघर्ष को पहले से आसान समझ रही भाजपा की मुश्किलें अब भी कम होती नहीं दिख रही हैं. एक तरफ किसान आंदोलनकारियों ने अब भी घर लौटने से इनकार कर दिया है तो वहीं यूपी में जाट आरक्षण की मांग फिर से तेज हो गई है. यदि यह मांग जोर पकड़ती है तो फिर जाट बिरादरी का समर्थन हासिल करने में भाजपा को मुश्किल हो सकती है. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति ने जाट आरक्षण को लेकर बड़ा ऐलान किया है. मंगलवार को जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा है कि जाट आरक्षण की लड़ाई सड़कों पर नहीं वोट से होगी.

उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 2015-2017 में आरक्षण का वादा किया था. वादा किया है तो निभाना पड़ेगा. जाट समाज अब आरक्षण के लिए राजनीतिक संघर्ष के लिए तैयार हो गया है. उन्होंने कहा कि जाट आरक्षण आंदोलन तो कृषि कानून के विरोध में हुए मूवमेंट से भी बड़ा है. अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की मेरठ और सहारनपुर मंडल के पदाधिकारियों की बैठक मेरठ में चैपल स्ट्रीट स्थित रेस्टोरेंट में हुई. बैठक में संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने कहा कि केंद्र सरकार ने जाट समाज के प्रमुख संगठनों, मंत्रियों, सांसदों, विधायकों की उपस्थिति में केंद्रीय स्तर पर जाट आरक्षण का वादा किया था. 2017 में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी विरेंद्र सिंह के आवास पर आरक्षण का भरोसा दिलाया गया था.

यशपाल मलिक ने कहा कि सरकार की ओर से 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी जाट समाज के सामने वायदे किए गए थे. हमारी मांगें लंबित हैं, जिन्हें अब पूरा करने वक्त है. यही नहीं यशपाल मलिक ने कहा कि हम मुरादाबाद मंडल में अगली बैठक 25 नवंबर को करने जा रहे हैं. इसके बाद अलीगढ़, आगरा और अन्य मंडलों में मीटिंग्स होंगी. यही नहीं 1 दिसंबर को जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह की जयंती पर अभियान भी चलाया जाएगा.

यशपाल मलिक ने कहा कि हम इस बार सड़क पर आरक्षण की लड़ाई नहीं लड़ेंगे बल्कि वोट से लड़ेंगे. यशपाल मलिक ने कहा कि  सात मंडलों में 124 विधानसभा सीटों पर जाट समाज का असर है. जाट आरक्षण नहीं  मिला तो फिर हम राजनीतिक निर्णय के लिए बाध्य होंगे मलिक ने चुनाव के समय आरक्षण की मांग पर कहा कि राजनीतिक फैसले जब चुनाव के समय होते हैं तो संघर्ष भी इसी समय होगा. उन्होंने कहा कि अब वादा नहीं आरक्षण चाहिए. अगली बैठक 25 को मुरादाबाद में होगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव बने विनोद तावड़े, भारती घोष और शहजाद पूनावाला को बनाया गया राष्ट्रीय प्रवक्ता

बीजेपी ने मध्य प्रदेश मेें शुरू की 2023 इलेक्शन की तैयारी, विधायकों को किया जाएगा आगाह, अपनी स्थिति सुधारें

बीजेपी सांसद साक्षी महाराज का बड़ा बयान: कहा - बिल बनते बिगड़ते रहते हैं, वापस आ जाएंगे

सिद्धू के पाकिस्तान प्रेम पर बीजेपी का हमला, राहुल गांधी पर साधा निशाना

मनोहर पर्रिकर के बेटे ने दी बीजेपी को बगावत की धमकी, कहा-टिकट ना मिला तो लूंगा कड़ा फैसला

Leave a Reply