पटना. बिहार में हर साल आने वाली बाढ़ की तबाही को रोकने के लिए सरकार ने नदियों को जोड़ने की योजना बनाई है. नदी को जोड़ने की योजना पर राज्य सरकार के स्तर पर काम भी शुरू हो गया है. इस योजना के अंतर्गत कोसी- मेची लिंक योजना के लिए बिहार सरकार के द्वारा केंद्र सरकार से अनुमति मांगी जा रही थी, जिसके बाद बृहस्पतिवार को बिहार की कोसी-मेची लिंक योजना का मसला लोकसभा में उठा.
जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह नेता लोकसभा ललन सिंह ने यह मसला उठाया. जेडीयू सांसद ने सदन में कहा कि जब केंद्र सरकार का यह निर्णय है कि दो लाख से अधिक सिंचाई योजना की क्षमता होगी तो क्या कोसी-मेची लिंक योजना को राष्ट्रीय योजना घोषित की जाएगी?
ललन सिंह ने कहा कि कोसी- मेची लिंक योजना को केंद्र सरकार ने स्वीकृति दी है. केंद्र सरकार का निर्णय है कि 2 लाख हेक्टेयर से ज्यादा सिंचाई क्षमता वाली जो योजनाएं होंगी, उनको राष्ट्रीय योजना घोषित करेंगे. कोसी -मेची लिंक योजना 2 लाख 17000 हेक्टेयर में सिंचाई करेगा तो क्या इस योजना को राष्ट्रीय योजना घोषित करेंगे?
इस पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सदन में कहा कि कोसी- मेची लिंक योजना के लिए डीपीआर बना लिया गया है. निश्चित रूप से यह प्रावधान है कि 2 लाख हेक्टेयर से ज्यादा वाली सिंचाई क्षमता वाली योजना नेशनल प्रोजेक्ट के रूप में उसको मान्यता दी जा सकती है. इस तरह से यह मानक तो पूर्ण करता है, लेकिन कई अन्य बिंदु हैं जिन्हें पूर्ण करना जरूरी है. यदि योजना सभी क्राइटेरिया को पूरा करती है तो इस पर निश्चित रूप से विचार किया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बिहार के मुजफ्फरपुर में आई हॉस्पिटल की लापरवाही ने छीन ली 24 से अधिक लोगों के आंखों की रोशनी
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