नई दिल्ली. केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 10वीं क्लास के पहले टर्म के इंग्लिश के पेपर में पूछे गए पैसेज को लेकर हंगामा मचा हुआ है. पैसेज की लाइनों पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने इन लाइनों को महिलाओं के खिलाफ बताते हुए सरकार पर करारा हमला किया है. वहीं 11 दिसंबर को हुई इस परीक्षा के पेपर में पूछे गए कॉम्प्रिहेंशन यानी पैसेज को लेकर बच्चों के माता-पिता और शिक्षाविदों ने भी भारी आलोचना की है. हालांकि, बोर्ड ने अभी तक उत्तर कुंजी जारी नहीं की है.
दरअसल पेपर में पूछे गए पैसेज की कुछ लाइनों को लेकर बवाल मचा है. आरोप है कि पैसेज में महिला विरोधी लाइनों को डाला गया है. यह पैसेज तीन खंडों में विभाजित है, जिसमें 8 बहुविकल्पीय सवाल दिए गए हैं. इस पैसेज की शुरुआत इन बातों से होती है कि, ‘कुछ किशोर अपनी दुनिया में रहते हैं, जो एक सदी पहले और बीसवीं शताब्दी में अनुशासन में रहा करते थे.’ वहीं, पैसेज में एक जगह कहा गया है कि महिलाएं अब पतियों का कहना नहीं मानती और इसी वजह से नौकर अनुशासनहीन हो गए हैं.
पैसेज के इन लाइनों पर विवाद है. पत्नियों ने पतियों का कहना मानना बंद कर दिया है. यही मुख्य वजह है कि बच्चे और नौकर अनुशासनहीन हो गए हैं. टीनएजर्स अपनी ही दुनिया में रहते है. बच्चों और नौकरों को उनकी जगह जरूर बतानी होगी. स्वतंत्र होती महिलाएं ही समाज की और परिवार की दिक्कतों का कारण हैं.
प्रियंका गांधी ने पैसेज वाले पन्ने की तस्वीर को ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने पूछा, ‘अविश्वसनीय! क्या हम वाकई बच्चों को यही सिखा रहे हैं? साफ तौर पर बीजेपी सरकार महिलाओं के खिलाफ इन विचारों का समर्थन करती है, नहीं तो वो इसे सीबीएसई पाठ्यक्रम में क्यों शामिल करते?
सीबीएसई ने इस पूरे विवाद पर कहा है कि सीबीएसई 10वीं क्लास के अंग्रेजी पेपर के पैसेज की कुछ लाइनों को लेकर कुछ अभिभावक और छात्रों से मिली-जुली प्रतिक्रिया मिली है. इनका कहना है कि ये लाइनें पुरानी धारणाओं का समर्थन करती हैं और कथित तौर पर रूढ़िवादिता को बढ़ावा देती हैं. बोर्ड ने आगे कहा कि मामले को विशेषज्ञों के पास भेजा जाएगा और उसके बाद जो भी फैसला होगा, उसके हिसाब से कार्रवाई की जाएगी.
रिपोर्ट के मुताबिक, इंग्लिश लर्निंग फाउंडेशन के चंद्र विश्वनाथन ने कहा, यह महिलाओं के लिए इतना अपमानजनक है कि मैं वास्तव में नहीं जानता कि कोई समिति, सीबीएसई परीक्षा के पेपर में इसे कैसे प्रकाशित करने की अनुमति दे सकती है. विश्वनाथन ने कहा, यह अकल्पनीय है कि सीबीएसई, जो पूरे देश में स्कूलों को प्रमाणित करता है और चलाता है और उन पाठ्यपुस्तकों को प्रकाशित करता है जो हर बच्चे के स्कूल बैग में होते हैं, वह दसवीं कक्षा के परीक्षा पत्र में महिलाओं के लिए अपमानजनक बातें कैसे प्रकाशित कर सकता है.
उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा परेशान करने वाली बात यह है कि स्कूल के प्रधानाध्यापकों और शिक्षकों ने इस पर कोई आपत्ति नहीं की. विश्वनाथन ने कहा, ‘केवल कुछ बच्चों और माता-पिता को यह परेशान करने वाला लगा. कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने इस पूरे मामले को संसद में उठाने की बात कही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पहाड़ों में बर्फ़बारी का दिल्ली में न्यूनतम तापमान 6.4 डिग्री सेल्सियस पहुंचा, अभी और गिरेगा पारा
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