प्रदीप द्विवेदी. एक वर्ष तक चले किसान आंदोलन के बाद अंततः मोदी सरकार ने सियासी हथियार डाल दिए और तीनों कृषि कानूनों को रद्द कर दिया, यही नहीं, सरकार ने किसान संगठनों की तमाम प्रमुख मांगों को भी मान लिया है.
जाहिर है, यह सियासी समर्पण पांच राज्यों में चल रही चुनावी हलचलों के मद्देनजर हुआ है.
अब मजेदार सवाल यह सामने आया है कि क्या भारतीय जनता पार्टी को कानूनों को रद्द करने से चुनावी फायदा होगा?
इस सवाल का जवाब एक न्यूज़ चैनल के सर्वे के ज़रिए जनता से तलाशा गया है, जो बताता है कि 61 प्रतिशत लोगों का कहना है कि इस कानून को वापस लेने से बीजेपी को फायदा होगा, जबकि 39 प्रतिशत लोगों ने पार्टी को नुकसान होने का अनुमान लगाया है!
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि यदि इससे फायदा होगा तो कांग्रेस, आम आदमी पार्टी जैसे विपक्षी दलों को होगा, क्योंकि वे किसान आंदोलन के साथ खड़े थे, बीजेपी को फायदा कैसे हो सकता है?
किसान आंदोलन को लेकर मोदी सरकार से नाराजगी घर-घर, गांव-गांव पहुंच गई है, इसलिए चुनाव में इसका नुकसान तो बीजेपी को झेलना होगा, अलबत्ता, फायदा कुछ नहीं होना है!
*इसे देश के प्रसिद्ध कार्टूनिस्ट शेखर गुरेरा की नजर से देखिए....
https://twitter.com/GureraShekhar/status/1470327792650784770?t=LgTC9fXNuAGTsuGE5ywgTQ&s=08
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-#ShekharGurera #Cartoon for 11.12.2021#ModiGovt #VijayDiwas #kisanvijaydiwas #KisanAndolan #KisanMajdoorEktaZindabaad #kisankijeet_bjpkijeet #kisanektazindabaad pic.twitter.com/M9KZ2onaLT
— Shekhar Gurera (@GureraShekhar) December 13, 2021
कैबिनेट से तीनों कृषि कानूनों की वापसी का प्रस्ताव मंजूर, अब संसद में होगी चर्चा
कृषि कानूनों को वापस लेने से नाराज हैं SC पैनल के सदस्य, चीफ जस्टिस से की ये अपील
संसद में कृषि कानूनों को निरस्त करने से पहले सरकार कर सकती है ये काम, संसद में घमासान मचना तय
कृषि कानूनों की वापसी पर बोले टिकैत- अभी सिर्फ एक मसला हुआ कम, जारी रहेगी लड़ाई
कृषि कानूनों की वापसी से खत्म नहीं हुई लड़ाई! विपक्ष ने की तैयारी, MSP पर जंग के लिए बनाया प्लान
किसान आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, कृषि कानूनों को वापस लिए जाने को लेकर राकेश टिकैत की प्रतिक्रिया
Leave a Reply