नई दिल्ली. महाराष्ट्र में स्थानीय चुनाव में अन्य पिछड़ा वर्ग OBC आरक्षण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने बुधवार को कहा कि स्थानीय चुनाव में OBC आरक्षण नहीं मिलेगा. कोर्ट ने साथ ही आरक्षित सीटों को सामान्य सीटों में तब्दील करने के आदेश दिया.
कोर्ट ने उस याचिका पर सुनवाई कि जिसमें पिछले सप्ताह महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनाव में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर अगले आदेश तक चुनाव पर रोक लगा दी गई थी. न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति सी.टी. रविकुमार की पीठ ने मंगलवार को कहा कि वह बुधवार को इस मामले से निपटेगी क्योंकि राज्य में चुनाव रुके हुए हैं.
महाराष्ट्र की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पीठ को बताया था कि उन्होंने ओबीसी के लिए आरक्षित 27 प्रतिशत सीटों पर चुनाव पर रोक संबंधी शीर्ष अदालत द्वारा पारित आदेश से संबंधित एक आवेदन दायर किया है. याचिकाकर्ताओं में से एक की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने पीठ से कहा कि सभी सीटों पर चुनाव पर रोक लगाई जा सकती है क्योंकि केवल केवल ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों पर रोक रहने से समुदाय को पूर्वाग्रह का सामना करना पड़ता है.
दवे ने शीर्ष अदालत से कुछ न्यायसंगत समाधान तलाशने का आग्रह किया , अन्यथा ओबीसी को नुकसान होगा. पीठ ने कहा, हम कल जारी रख रहे हैं, आप कल (बुधवार) बहस कर सकते हैं. जिसपर कोर्ट ने आज अपना फैसला सुनाया. कोर्ट ने कहा कि स्थानीय चुनाव में OBC आरक्षण नहीं मिलेगा, वहीं आरक्षित सीटें सामान्य सीटों में तब्दील की जाएंगी.
उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने छह दिसंबर को महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी के लिए आरक्षित 27 प्रतिशत सीटों पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी. न्यायालय ने स्पष्ट किया कि अन्य सीटों के लिये चुनाव प्रक्रिया जारी रहेगी. शीर्ष अदालत ने दो याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया था. इन याचिकाओं में से एक में कहा गया कि एक अध्यादेश के माध्यम से शामिल/संशोधित प्रावधान समूचे महाराष्ट्र में संबंधित स्थानीय निकायों में पिछड़े वर्ग के नागरिकों के लिये समान रूप से 27 प्रतिशत आरक्षण की इजाजत देते हैं. पीठ ने तब कहा था, इसके फलस्वरूप, राज्य चुनाव आयोग को केवल संबंधित स्थानीय निकायों में ओबीसी वर्ग के लिए आरक्षित सीटों के संबंध में पहले से अधिसूचित चुनाव कार्यक्रम के साथ आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली हाई कोर्ट का आदेश: फूड बिजनेस ऑपरेटर खाने-पीने की चीजों में वेज- नॉनवेज का करें पूरा खुलासा
Leave a Reply