देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले में बढ़ी टेंशन, नाइट कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाने की केंद्र ने राज्यों को दी गई सलाह: स्वास्थ्य सचिव

देश में ओमिक्रॉन के बढ़ते मामले में बढ़ी टेंशन, नाइट कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध लगाने की केंद्र ने राज्यों को दी गई सलाह: स्वास्थ्य सचिव

प्रेषित समय :17:26:40 PM / Fri, Dec 24th, 2021

नई दिल्ली. भारत में कोरोनावायरस के मामलों में भले ही कमी देखने को मिल रही है. लेकिन ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते मामलों की वजह से केंद्र सरकार चिंतित है. वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने शुक्रवार को संवाददाता सम्मलेन करते हुए बताया कि दुनिया में कोरोना की चौथी लहर देखने को मिल रही है. कुल मिलाकर पॉजिटिविटी रेट 6.1 फीसदी है. उन्होंने कहा कि देश के 20 जिले ऐसे हैं, जहां पर पॉजिटिविटी रेट 5 से 10 फीसदी है. स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि फिलहाल हमें सतर्क रहने की जरूरत है.

राजेश भूषण ने कहा, दुनिया में कोरोना की चौथी लहर देखने को मिल रही है. कुल मिलाकर पॉजिटिविटी रेट 6.1 फीसदी है. इसलिए, हमें सतर्क रहना होगा और हम ढिलाई बर्दाश्त नहीं कर सकते. उन्होंने कहा, यूरोप, उत्तरी अमेरिका और अफ्रीका में सप्ताह-दर-सप्ताह कोविड मामलों में वृद्धि देखी जा रही है. एशिया में अभी भी सप्ताह-दर-सप्ताह मामलों में गिरावट देखी जा रही है. स्वास्थ्य सचिव ने कहा, क्रिसमस और 31 दिसंबर की वजह से मार्केट में भीड़ बढ़ गयी है. लोग बिना मास्क लगाए ,बिना सामाजिक दूरी बनाए खरीददारी में जुटे हुए हैं.

कोरोना के आंकड़ों में दो दिनों में हुई वृद्धि

स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि ओमिक्रॉन और कोरोनावायरस मामलों की बढ़ती हुई संख्या सरकार के लिए सिरदर्द बनी हुई है. कई राज्यों में नाईट कर्फ्यू लगने जा रहा है. लेकिन आम जनता अपने धुन में नजर आ रही है. उन्होंने कहा, ओमिक्रोन के मुंबई में 35 और महाराष्ट्र में 88 मरीज हो गए हैं. कोरोना के आंकड़े भी बीते दो दिन में बढ़ गए हैं. 23 दिसंबर को महाराष्ट्र में 1,179 कोरोना के मरीज मिले और 17 लोगों की मौत हुई. वहीं, मुंबई में 602 मामले सामने आए, जबकि 1 की मौत हुई. 22 दिसंबर को राज्य में कोरोना के 953 मामले आए थे और 8 लोगों की मौत हुई थी.

पांच राज्यों में सबसे ज्यादा एक्टिव केस

भूषण ने कहा, देश में 20 जिले ऐसे हैं, जहां केस पॉजिटिविटी रेट 5-10 फीसदी है. इनमें से 9 केरल में और 8 मिजोरम में हैं. 2 जिले ऐसे हैं, जहां केस पॉजिटिविटी 10 फीसदी से ज्यादा है. ये दो जिले मिजोरम में हैं. इस समय सबसे अधिक एक्टिव मामलों वाले शीर्ष पांच राज्य केरल, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक हैं. उन्होंने कहा कि भारत के 17 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों में 358 ओमिक्रॉन केस मिले हैं. वहीं, रिकवर होने वाले मरीजों की संख्या 114 है.

89 फीसदी आबादी को मिली वैक्सीन की पहली डोज

स्वास्थ्य सचिव ने कहा, आज हमारे पास 18,10,083 आइसोलेशन बेड, 4,94,314 ऑक्सीजन सपोर्टेड बेड, 1,39,300 आईसीयू बेड, 24,057 पीडियाट्रिक आईसीयू बेड और 64,796 पीडियाट्रिक नॉन-आईसीयू बेड राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्ध हैं. उन्होंने कहा, 89 फीसदी वयस्क आबादी को वैक्सीन की पहली डोज मिल चुकी है और 61 फीसदी पात्र आबादी को कोविड-19 वैक्सीन की दूसरी डोज मिली है.

राज्यों को नाइट कर्फ्यू लगाने की सलाह

राजेश भूषण ने कहा, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने 21 दिसंबर को राज्यों को पहले से ही सलाह दी थी कि वे नाइट कर्फ्यू, बड़े समारोहों को नियंत्रित करने जैसे प्रतिबंध लागू करें. बेड्स की क्षमता और अन्य रसद में वृद्धि की जाए और कोविड उपयुक्त व्यवहार को सख्ती से लागू किए जाएं. डीजी-आईसीएमआर डॉ बलराम भार्गव ने कहा, हाल ही में पहचाने गए समूहों सहित भारत में डेल्टा वेरिएंट ही अधिक पाया जा रहा है. इसलिए, हमें कोरोना नियमों और वैक्सीनेशन को बढ़ाने की समान रणनीति के साथ आने बढऩे की जरूरत है.

कोरोना के प्रोटोकॉल के तहत ही होगा ओमिक्रॉन संक्रमितों का इलाज

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने कहा कि कोरोना और डेल्टा वेरिएंट का जिस प्रोटोकॉल के तहत इलाज किया जाता है, उसी प्रोटोकॉल के तहत ओमिक्रॉन संक्रमित मरीजों का भी इलाज होगा. इस बात के सबूत हैं कि डेल्टा इम्यून सिस्टम से बचने की क्षमता अधिक रखता है और इसकी तेजी से फैलने की दर की वजह से ज्यादा मामले सामने आएंगे.

11 राज्यों ने बढ़ाई चिंता

भूषण ने कहा, पहली लहर से दूसरी लहर तक ऑक्सीजन की मांग में 10 गुना वृद्धि हुई. इस प्रकार, प्रतिदिन 18,800 मीट्रिक टन मेडिकल ऑक्सीजन की व्यवस्था की गई है. चिंता की वजह 11 राज्य हैं जहां वैक्सीनेशन कवरेज राष्ट्रीय औसत से कम है. वहीं, बलराम भार्गव ने कहा, आईसीएमआर और डीबीटी मिलकर वायरस को समझने का काम कर रहे हैं. हम कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन के कारगर होने का टेस्ट कर रहे हैं. विचार-विमर्श चल रहा है, हम नीति बनाने के लिए वैज्ञानिक डेटा की समीक्षा कर रहे हैं.
राजेश भूषण ने कहा, भारत सरकार ने इस स्थिति को बहुत स्पष्ट रूप से स्पष्ट किया है कि हम अतिरिक्त डोज की जरूरत और वैक्सीनेशन की आयु कम करने के बारे में निर्णय लेने पर विज्ञान और वैज्ञानिक साक्ष्य के साथ फैसला लेंगे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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