कोटा. हिन्द मजदूर सभा से संलग्न राजस्थान आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी संघ के तत्वावधान में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका, सहयोगिनी, साथिन का विशाल सम्मेलन आज 30 दिसम्बर को उमरावमल पुरोहित सभागार में आयोजित किया गया. राजस्थान आंगनबाड़ी महिला कर्मचारी संघ की प्रदेशाध्यक्ष शाहिदा खान ने बताया कि आंगनबाड़ी महिलाओं के विशाल सम्मेलन के मुख्य अतिथि हिन्द मजदूर सभा के राष्ट्रीय सचिव कॉमरेड मुकेश गालव तथा सुश्री चम्पा वर्मा रहीं.
कॉमरेड मुकेश गालव ने बताया कि यूनियन द्वारा प्रशासन को कई बार आंगनबाड़ी महिलाओं की समस्याओं से अवगत कराते आ रहे है, फिर भी प्रशासन समस्याओं के निराकरण की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इस हेतु बैठक में रणनीति तैयार कर जयपुर में 90 दिन का धरना और भूख हड़ताल की घोषणा की गई.
कॉमरेड चम्पा वर्मा ने बताया कि आंगनबाड़ी महिलाओं को सरकार राज्य कर्मचारी का दर्जा एवं स्थाई किया जाये. साथ ही मानदेय में वृद्धि की जाये, स्वयं सहायता समूह का 2019 से 2020 का भुगतान एवं मानदेय का भुगतान समय पर किया जाये साथ ही पोषण ट्रेकर एप और पोषाहार बन्द किया जाये.
यूनियन की प्रदेशाध्यक्ष शाहिदा खान एवं महामंत्री रचना वैष्णव ने सरकार को चेतावनी देते हुये कहा कि सरकार आंगनबाड़ी महिलाओं की समस्याओं पर शीघ्र निराकरण करे अन्यथा यूनियन को मजबूरन आन्दोलन, भूख हड़ताल का सहारा लेना पड़ेगा जिसकी समस्त जवाबदारी प्रशासन की होगी.
आंगनबाड़ी महिलाओं की मांग है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशा सहयोगिनियों, मिनी केन्द्र कार्यकर्ता एवं ग्रामीण साथिनों को नियमित कर राज्य कर्मचारी घोषित किया जाये और मेडीकल अवकाश दिये जाये एवं राज्य कर्मचारी की भांति सभी त्यौहारों में अवकाश प्रदान किये जाये.
साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आषा सहयोगिनियों, मिनी केन्द्र कार्यकर्ता एवं ग्रामीण साथिनों को अन्य कर्मचारियों की तरह निर्धारित वेतन के आधार पर नियमित होने पर मिनिमम वेतनमान 21000 दिया जाये. मिनी केन्द्रों को जनसंख्या के हिसाब से बड़े केन्द्रों में परिवर्तित किया जाये.
एनटीटी शिक्षक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को कई वर्षों से कार्य कर रहीं हैं उन्हें अनुभव के आधार पर जल्दी कार्यकर्ताओं को नियुक्ति दी जावे व अलग से भर्ती नहीं की जाये और विभाग की तरफ से एनटीटी का कोर्स करवाया जाये.
आशा सुपरवाईजरों में चयन हेतु आशा सहयोगिनी को प्राथमिकता दी जाये और 2 वर्ष का अनुभव होने पर एएनएम के पद पर नियुक्ति दी जाये एवं आशा सहयोगिनीयों को दिल्ली सरकार से जोड़ा जाये और आशा सहयोगिनीयों को दो भाग में से एक विभाग में किया जाये.
आंगनबाड़ी कर्मियों को सुनिश्चित पेंशन के तहत कम से कम 5000 रुपये पेंशन दी जाये व पीएफ की व्यवस्था, सामाजिक सुविधा दी जाए. आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, आशा सहयोगिनीयों एवं ग्रामीण साथिन को 60 वर्ष पूर्ण होने पर हटाया जाता है, उन्हें सक्षम रहने तक कार्य करने दिया जायें.
ग्रामीण साथिन को योग्यता एवं अनुभव के आधार पर प्रचेता के पद पर नियुक्ति दी जायें. ग्रामीण साथिन को नगर पालिका से हटा दिया जाता है तो इन्हें कार्यकर्ता, सहायिका व आशा सहयोगिनी के पद पर नियुक्त किया जाये. महिला पर्यवेक्षक के पदों को भरने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को बिना किसी परीक्षा के अनुभव के आधार पर एवं बिना किसी आयु सीमा की बाध्यता के पदों को तुरन्त भरा जाये.
सम्मेलन में अकीला मनोज, सुनिता समारिया, मधुकांता, मधुबाला, अर्चना सिंघारिया, बबीता, रमा शर्मा, हेमा चौधरी, रेहाना, कवंलजीत, रूपकला शर्मा, निर्मला शर्मा, मंजू जैन, अनुराधा, सपना अग्रवाल, नन्दा देवी, रेखा गोस्वामी, गौरी, संध्या सहित सैंकड़ों महिला आंगनबाड़ी कर्मचारी उपस्थित थी.
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