उधमसिंह नगर. उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले के नानकमत्ता में एक जौहरी और उसके परिवार के लोगों की हत्या के बाद सनसनी फैल गई है. हत्यारों ने जौहरी, उसकी मां-दादी और चचेरे भाई की धारदार हथियारों से गला रेतकर हत्या की है और इस घटना के बाद पुलिस के आला अफसर मौके पर पहुंचे. बुधवार दोपहर नेशनल हाईवे-125 पर देवहा नदी के किनारे जौहरी और उनके चचेरे भाई का शव मिला जबकि, जौहरी की बुजुर्ग मां और दादी के शव घर के अंदर खाट से बरामद हुए. चार लोगों की हत्या के पूरे इलाके में लोग खौफ में है और प्रारंभिक जांच में पुलिस पुरानी रंजिश को हत्या का कारण मान रही है.
पुलिस के अनुसार अंकित रस्तोगी उर्फ अजय रस्तोगी पुत्र शिव शंकर और उसकी मां आशा रस्तोगी वार्ड नंबर 6 नानकमत्ता में रहते थे और अंकित ने करीब एक महीने पहले घर पर दुकान खोली थी. कुछ समय पहले अंकित का मामा भाई उदित रस्तोगी (24) पुत्र अनिल रस्तोगी निवासी शाही बरेली और मामा दादी सन्नो देवी उसके घर पर रह रहे थे. बुधवार दोपहर करीब डेढ़ बजे गांव के कुछ बच्चों ने एनएच 125 से जुड़े लिंक रोड सिद्धवड़िया मार्ग पर पुल से करीब सौ मीटर दूर दो युवकों के क्षत-विक्षत शव देखे और इसकी सूचना ग्रामीणों को दी और उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दी. वहीं सूचना पर पहुंची पुलिस ने शवों को कब्जे में ले लिया. पुलिस के मुताबिक दोनों युवकों के सिर, गर्दन व शरीर के अन्य हिस्सों को धारदार हथियारों से बुरी तरह से काटा गया था.
चौहरे हत्याकांड को लेकर पुलिस अभी भी कुछ भी कहने से बच रही है और उसका कहना है कि जांच चल रही है. लेकिन पुलिस का कहना है कि इस मामले में पुरानी रंजिश हो सकती है. जिस तरह से घर के बाहर दो शव मिले और घर के अंदर दो शव मिले, उससे पुरानी रंजिश के चलते ही इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है. हालांकि घर की कुछ अलमारी भी खुली मिली हैं, जिसके कारण ऐसा लग रहा है कि हत्यारों ने घटना को डकैती दिखाने की कोशिश की है. पुलिस का कहना है कि हत्या के मामले में डकैती या डकैती जैसे कोई सबूत नहीं मिले हैं. मृतक के भाई की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया जा रहा है.
असल में आज प्रधानमंत्री मोदी की की हल्द्वानी में रैली होने जा रही है और इसके लिए जिले के पुलिस अफसरों की ड्यूटी लगी हुई थी. लेकिन नानकमत्ता में चौहरे हत्याकांड की सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासन के आला अधिकारी नानकमत्ता की ओर दौड़े और स्थानीय विधायक डॉ प्रेम सिंह राणा समेत बीजेपी के कई नेता भी वहां पहुंचे.
मौके पर पहुंची पुलिस को मृतक अंकित रस्तोगी का मोबाइल मिला और इसके जरिए अंकित के सर्राफा व्यवसायी भाई आदेश रस्तोगी से संपर्क हो सका. वहीं जब पुलिस घर पहुंची तो वह दंग रह गयी क्योंकि घर में आशा रस्तोगी और सन्नो देवी के शव बेड पर पड़े थे और उसके शरीर पर धारदार हथियार से हमले के निशान भी थे.
शहर में हुए चौहरे हत्याकांड की जांच के लिए फोरेंसिक टीम और डॉग स्क्वायड को भी मौके पर बुलाया गया और स्थानीय लोगों को वहां जाने नहीं दिया गया. ताकि साक्ष्य जुटाए जा सकें. पुलिस के आला अफसरों ने हत्या के खुलासे के संबंध में पुलिस की पांच टीमें गठित की हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-उत्तराखंड: दलितों ने ऊंची जाति के महिला के हाथ का बना खाने से किया मना
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