देहरादून.विधानसभा चुनाव की तैयारियों के बीच उत्तराखंड कांग्रेस का बवाल अभी नहीं थमा है. दिल्ली में हरीश रावत को मनाने की कोशिशों के बीच आज देहरादून स्थित कांग्रेस दफ्तर में जमकर बवाल हुआ. नौबत यह आ गई कि कांग्रेसी आपस में ही भिड़ गए और हाथापाई हो गई. दरअसल, हरीश रावत को गाली देने की बात पर कांग्रेस दफ्तर में मारपीट हुई है. माना जा रहा है कि गाली देने के आरोप पर हरीश रावत समर्थकों ने प्रदेश महामंत्री राजेंद्र शाह के साथ मारपीट की है.
सूत्रों की मानें तो हरीश रावत के समर्थकों ने प्रदेश महामंत्री राजेंद्र शाह पर हरीश रावत को गाली देने का आरोप लगाया है. इसके बाद हरीश रावत के समर्थक राजेंद्र शाह पर टूट पड़े और हंगामा हो गया. मामला इतना बड़ा हो गया कि देखते ही देखते दोनों समर्थकों के बीच झड़प हो गई. इस घटना पर संगठन महामंत्री मथुरा दत्त जोशी का बयान आया है और उन्होंने कहा कि इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिए. बता दें कि यह घटना ऐसे वक्त में हुई है, जब कांग्रेस नेतृत्व उत्तराखंड कांग्रेस में मचे घमासान को थामने के लिए दिल्ली में बैठकें कर रहा है. कई ट्वीट से सियासी भूचाल मचाने वाले कांग्रेस के दिग्गज नेता हरीश रावत आज दिल्ली तलब किए गए हैं.
हरीश रावत के ट्वीट के बाद से ही कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी हुई है. खुद प्रियंका गांधी इस मामले को सुलझाने में जुटी हुई हैं. कांग्रेस नेतृत्व ने रावत से बातचीत की है. बताया जा रहा है कि हरीश रावत के साथ पार्टी प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत पार्टी के कई सीनियर नेताओं को दिल्ली बुलाया गया है.
वरिष्ठ नेताओं ने रावत से उस समय संपर्क किया है जब एक दिन पहले बुधवार को उन्होंने पार्टी संगठन पर असहयोग का आरोप लगाते हुए कहा कि उनका मन सब कुछ छोड़ने को कर रहा है. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने रावत से उनके इस रुख के कारणों के बारे में जानने का प्रयास किया और उनसे कहा कि वह आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए निरंतर प्रयासरत रहें.
सूत्रों का यह भी कहना है कि रावत उत्तराखंड विधानसभा चुनाव के संदर्भ में शुक्रवार को दिल्ली में होने वाली कई बैठकों में शामिल होंगे और वह पार्टी आलाकमान से भी मुलाकात कर सकते हैं. रावत के करीबी सूत्रों का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री जिन विषयों को लेकर ‘आहत’ हैं उन पर पार्टी आलाकमान को ध्यान देना चाहिए क्योंकि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत सुनिश्चित करने के लिए इन मुद्दों का समाधान जरूरी है. उन्होंने कहा कि जल्द ही मुद्दे का समाधान निकाले जाने की उम्मीद है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-यूपी-उत्तराखंड बीच 21 साल बाद हुआ संपत्तियों का बंटवारा, यह हिस्सा बंटा
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