कोलकाता. पश्चिम बंगाल में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बीच गंगासागर मेले पर रोक नहीं लगेगी. ममता बनर्जी सरकार ने मेले पर रोक लगाने के पक्ष में नहीं है. वहीं कोलकाता हाई कोर्ट ने भी कुछ शर्तों के साथ गंगासागर मेले के आयोजन को मंजूरी दे दी है. हाईकोर्टने राज्य सरकार द्वार सुझाए गए उपायों का पालन सुनिश्चित करने के लिए 3 सदस्यीय समिति का गठन किया है. इसमें अध्यक्ष, डब्ल्यूबी मानवाधिकार आयोग और राज्य के प्रतिनिधि शामिल होंगे.
कोलकाता हाई कोर्ट ने आज गंगासागर मेले मामले पर सुनवाई की. इस दौरान उन्होंने पश्चिम बंगार सरकार से अपील करते हुए कहा कि धार्मिक आस्था से कई ज्यादा जरूरी जीवन है. ‘बार ऐंड बेंच’ के मुताबिक कोर्ट ने मेले के दौरान गंगा में डुबकी लगाने की बजाय ई स्नान को प्रोत्साहित करने की अपील की. साथ ही इन शर्तों के साथ कोर्ट ने गंगासागर मेले के आयोजन की परमिशन दे दी है.
बता दें कि कोलकाता हाई कोर्ट में आज गंगा सागर मेले को लेकर एक जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. इस दौरान ममता सरकार ने कोर्ट में कहा कि वह मेले के आयोजन के पक्ष में है. बता दें कि 8 जनवरी से गंगा सागर मेले की शुरिआत होने जा रही है. बंगाल में कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से गंगा सागर मेले को टालने के लिए कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की थी. याचिकाकर्ता डॉक्टर भनिनंदर मंडल ने अपनी याचिका में कहा था कि मेले में बड़ी संख्या में भीड़ जुटती है, इससे संक्रमण बढ़ने का खतरा और भी गहरा हो जाएगा.
याचिका में कहा गया था कि गंगासागर मेले में हर साल करीब 30 लाख लोगों की भीड़ जुटती है. बड़ी संख्या में भीड़ से कोरोना संक्रमण तेजी से फैल सकता है. अब हाई कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ मेले के आयोजन को अनुमति दे दी है. बता दें कि पश्चिम बंगाल में हर साल जनवरी महीने में गंगासागर मेले का आयोजन किया जाता है. इस दौरान बड़ी संख्या में बीड़ जुटती है. यही वजह है कि याचिकार्ता ने मेले पर रोक लगाने की अपील हाई कोर्ट से की.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बुल्ली बाई: दिल्ली पुलिस की बड़ी कार्रवाई, असम से गिरफ्तार हुआ मुख्य आरोपी
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