इंदौर. केंद्र सरकार की तरफ से आज तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार का ऐलान किया गया. स्वच्छता में नंबर वन रहने वाले इंदौर ने जलशक्ति अवॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है. इंदौर को सर्वश्रेष्ठ जिले के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. इंदौर वेस्ट जोन के बेस्ट जिले में पहले नंबर पर है. इस अवॉर्ड की घोषणा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने की. वेस्ट जोन के बोस्ट जिलों में इंदौर के बाद गुजरात का वडोदरा और राजस्थान का बांसवाड़ा शहर दूसरे नंबर पर है.
राष्ट्रीय जल शक्ति मिशन के तहत हुई प्रतियोगिता में मध्य प्रदेश के इंदौर जिले को वेस्ट जोन के जिलों में नंबर-वन होने का जल पुरस्कार मिला है. यह जल पुरस्कार इंदौर में नगर निगम द्वारा 15621 वाटर रिचार्ज करने और तालाबों के विकास के लिए मिला है. इससे पहले वार्षिक स्वच्छता सर्वेक्षण में भी इंदौर को लगातार पांचवी बार सबसे स्वच्छ घोषित किया गया था. अब इंदौर को वेस्ट जोन के बेस्ट जिलों में नंबर-1 होने का जल शक्ति पुरस्कार मिला है. यह मध्य प्रदेश के लिए बड़ी उपलब्धि है.
बता दें कि केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिह शेखावत ने आज तीसरे जल पुरस्कार 2020 की घोषणा की. इसमें यूपी को सर्वश्रेष्ठ राज्य के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है. वहीं राजस्थान दूसरे और तमिलनाडु तीसरे नंबर पर हैं. पुरस्कारों की घोषणा के दौरान डीडीडब्ल्यूएस सचिव विनी महाजन भी मौजूद रही. तीसरे राष्ट्रीय जल पुरस्कार की घोषणा करते हुए जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जल जीवन का मूल है. उन्होंने कहा कि भारत की वर्तमान पानी की जरूरत हर साल करीब 1,100 बिलियन क्यूबिक मीटर होने का अनुमान है, जो 2050 तक 1,447 बिलियन क्यूबिक मीटर तक जाने का अनुमान है.
उन्होंने कहा कि एक संसाधन के रूप में पानी भारत के लिए महत्वपूर्ण है. भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है. जल शक्ति मंत्री ने कहा कि भारत की आबादी दुनिया की आबादी की 18 फीसदी से ज्यादा है. जब कि हमारे पास दुनिया के नवीकरणीय जल संसाधनों का सिर्फ 4 फीसदी स्त्रोत है. जल शक्ति मंत्री ने कहा कि भारत सरकार ने ‘जल समृद्ध भारत’ के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय जल पुरस्कार की स्थापना की. इस पुरस्कार के माध्यम से देशभर में राज्यों और जिलों में कई संगठनों और व्यक्तियों के पानी के क्षेत्र में किए जाने वाले सराहनीय कार्यों और प्रयासों को प्रोत्साहन दिया गया.
केंद्रीय मंत्री ने कहा किराष्ट्रीय जल पुरस्कार का मकसद लोगों में पानी के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करने की कोशिश करना है. इसके साथ ही इस पुरस्कार के माध्यम से लोगों को सर्वोत्तम जल उपयोग प्रथाओं को अपनाने के लिए प्रेरित किया जाता है. बता दें कि पहला राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2018 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था. गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि राष्ट्रीय जल पुरस्कारों ने स्टार्ट-अप के साथ-साथ प्रमुख संगठनों को वरिष्ठ नीति निर्माताओं के साथ जुड़ने और विचार-विमर्श करने का एक अच्छा मौका दिया है. यह बताया गया है कि भारत में सर्वोत्तम जल संसाधन प्रबंधन प्रथाओं को कैसे अपनाया जाए.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-इंदौर में सारा अली खान को बाइक पर घुमा कर झमेले में फंसे विक्की कौशल, थाने पहुंचा मामला
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