नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. ये सुनवाई प्रधान न्यायाधीश एनवी रमन्ना की अध्यक्षता वाली पीठ कर रही है, जिसमें न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति हिमा कोहली शामिल हैं. वरिष्ठ वकील मनिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री की सुरक्षा में हुई चूक का मामला मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन्ना की बेंच के सामने उठाया था. सुनवाई के दौरान मनिंदर सिंह ने कहा कि यह केवल कानून और व्यवस्था का मुद्दा नहीं है बल्कि एसपीजी अधिनियम के तहत एक मुद्दा है.
सिंह ने कहा कि यह एक वैधानिक जिम्मेदारी है. इसमें कोताही नहीं बरती जा सकती है. यह एक राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा है, सिर्फ कानून व्यवस्था का नहीं है और राज्य सरकार को वैधानिक स्तर पर इसकी अनुपालना करनी होती है. उन्होंने कहा कि यह बहुत ही गंभीर मसला है और प्रधानमंत्री की सुरक्षा में भारी चूक हुई है इस मामले में स्पष्ट जांच जरूरी है और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी जरूरी है. सिंह ने कहा कि राज्य सरकार के पास इस मामले में अधिकार नहीं है कि वह जांच कराएं या विशेष तौर पर एसपीजी एक्ट से जुड़ा मुद्दा है और इस मामले में अदालत को जांच करानी चाहिए.
सिंह ने सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले का हवाला देते हुए साफ किया की पुलिस इस मामले में किसी भी तरह से जांच नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि बठिंडा से फिरोजपुर तक जो साक्ष्य हैं, उन्हें भटिंडा की स्थानीय कोर्ट अपने कब्जे में ले और एनआईए से इस मामले में जांच कराई जाए. याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट से पीएम की सुरक्षा में हुई चूक के मामले में एनआईए से जांच कराने की मांग की. याचिकाकर्ता के अधिवक्ता मंदिर सिंह ने पीठ से कहा कि पीएम की सुरक्षा में चूक के मामले में केंद्र और राज्य से ऊपर उठकर जांच की जानी चाहिए और भटिंडा के स्थानीय जज के पास जो भी साक्ष्य मुहैया कराए जाएं. उनको एनआईए स्तर का अधिकारी सहयोग करें.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने पीठ से कहा कि यह रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मैटर मामला बहुत गंभीर है और इसे उसी आधार पर ट्रीट किया जाना चाहिए. उन्होंने पीएम की सुरक्षा में हुई चूक की घटना की जानकारी पीठ को दी. साथ ही कहा कि सुरक्षा में चूक की घटना से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश की बदनामी हुई है. फिर मनिंदर सिंह ने कहा कि ये कानून व्यवस्था से जुड़ा मामला नहीं है, यह बहुत गंभीर मामला है. इस मामले में उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए, लेकिन यह जांच राज्य की तरफ से नहीं होनी चाहिए.
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि यह सीमा पार आतंकवाद का मामला हो सकता है. उन्होंने कहा, जब पीएम की कार चलती है तो एक वार्निंग कार चलती है 500 मीटर आगे, उसका काम आगे की बाधा देखना होता है, लेकिन पुलिस चाय पी रही है उन्होंने वार्निंग कार को बताया नहीं कि फ्लाईओवर पर ब्लॉकेज है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बारिश के बाद भी AQI 380 के साथ बहुत खराब श्रेणी में दिल्ली की हवा
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