वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला को भारत सरकार ने दिया दोटूक जवाब

वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला को भारत सरकार ने दिया दोटूक जवाब

प्रेषित समय :07:38:12 AM / Sat, Jan 15th, 2022

नई दिल्ली  .अमेरिका की इलेक्ट्रिक वाहन निर्माता कंपनी टेस्ला के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एलन मस्क ने कहा है कि भारत में टेस्ला कार बेचने के लिए उन्हें सरकार के स्तर पर बहुत चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है.

भारत में टेस्ला की इलेक्ट्रिक कार बेचने की कंपनी की योजनाओं के बारे में एक ट्वीट के जवाब में मस्क ने ट्वीट किया, “भारत सरकार के स्तर पर कई चुनौतियों का सामना अब भी करना पड़ रहा है.”

कैसे शुरू हुई कहानी?

दुनिया की सबसे मूल्यवान ऑटो कंपनी टेस्ला लंबे समय से भारत में अपनी कारों को लॉन्च करने की कोशिश कर रही है. ट्विटर पर एक यूजर ने एलन मस्क से पूछा था कि क्या भारत में टेस्ला के लॉन्च के बारे में कोई अपडेट है. कंपनी की कारें बहुत अच्छी हैं और उन्हें दुनिया के हर कोने में होना चाहिए. इसके जवाब में मस्क ने कहा, “इसमें अभी कई चुनौतियां हैं और हम सरकार के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.”

सरकार से की थी टैक्स घटाने की मांग

टेस्ला ने सरकार से इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क में कटौती करने का अनुरोध किया था, लेकिन कुछ घरेलू ऑटो कंपनियां इसका विरोध कर रही हैं. उनका कहना है कि इससे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग में निवेश पर असर होगा. टेस्ला इसी साल भारत में इम्पोर्टेड इलेक्ट्रिक कार को बेचने की योजना बना रही है, लेकिन उसका कहना है कि भारत में टैक्स की दर दुनिया में सबसे अधिक है.

सरकार का तर्क

सरकार के सूत्रों ने बताया था कि वे किसी वाहन निर्माता कंपनी को इस तरह आयात पर टैक्स की छ्रट नहीं दे रहे और टेस्ला को कर संबंधी लाभ देने से भारत में अरबों डॉलर निवेश करने वाली दूसरी कंपनियों को अच्छा संदेश नहीं जाएगा.

एलन मस्क की टेस्ला की मांग

टेस्ला चाहती है कि भारत में सरकार आयात शुल्क में कमी करे. मस्क का कहना है कि टेस्ला भारत में फैक्ट्री खोल सकती है लेकिन यह देश में उसकी इम्पोर्टेड कारों की सफलता पर निर्भर करेगा. भारत में अभी आयातित कारों पर 60-100 फीसदी तक टैक्स लगता है. 40,000 डॉलर के अधिक मूल्य वाली कारों पर यह 100 फीसदी और इससे सस्ती कारों पर 60 फीसदी है.

टेस्ला के पास क्या हैं विकल्प?

टेस्ला को सरकार का साफ़ सन्देश है कि वह स्थानीय निर्माण इकाई शुरू करे और टैक्स छूट का फायदा उठाए. टेस्ला इसमें समय ले रही है क्योंकि आयात करके बेचने पर टेस्ला की कारें महंगी होंगी. सरकार के निर्देश के हिसाब से टेस्ला को अपने मॉडल 3 की स्थानीय असेंबली शुरू करनी चाहिए, जिसका मतलब बेहतर वॉल्यूम तो होगा लेकिन शुरुआत के लिए अधिक निवेश की भी आवश्यकता होगी.

एलन मस्क के ट्वीट से नहीं निकलेगा हल

एक सरकारी सूत्र ने कहा, “टेस्ला कंपनी इस तरह के ट्वीट से और सोशल मीडिया का इस्तेमाल कर भारत सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश कर रही है और यह पहली बार नहीं हो रहा है.” भारत सरकार ने साफ किया है कि टेस्ला भारत में उत्पादन की प्रतिबद्धता जताए बिना शुल्क में कटौती की मांग नहीं कर सकती. सरकार के सूत्रों ने कहा कि Tesla पहले भारत में अपने इलेक्ट्रिक वाहनों की मैन्युफैक्चरिंग करना शुरू करे, उसके बाद ही टैक्स में किसी छूट के बारे में विचार किया जा सकता है.

Auto सेक्टर के लिए PLI स्कीम

सितंबर 2021 में मोदी कैबिनेट ने ऑटो सेक्टर के लिए PLI स्कीम को लागू करने का ऐलान किया था. ऑटो पीएलआई स्कीम के तहत 26,058 करोड़ रुपये की घोषणा की गई. यह स्कीम ऑटो, ऑटो कंपोनेंट मैन्युफैक्चरर और ड्रोन इंडस्ट्रीज के लिए है. इस स्कीम का मकसद भारत को ऑटो सेक्टर के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना है. 26,058 करोड़ रुपये का इंसेंटिव अगले पांच सालों में दिया जाएगा. बजट 2021-22 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 13 अलग-अलग सेक्टर के लिए पीएलआई स्कीम की घोषणा की थी. इस स्कीम के लिए 1.97 लाख करोड़ रुपये का आउटले रखा गया था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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