काबुल. अफगानिस्तान के पश्चिमी हेरात प्रांत में शनिवार को एक मिनीवैन में बम विस्फोट हो गया. जिसमें कम से कम सात नागरिकों की मौत हो गई और नौ अन्य घायल हो गए. तालिबान के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है. इस विस्फोट का किसी ने तुरंत जिम्मेदारी नहीं ली. लेकिन इस्लामिक स्टेट ने देश में अन्य जगहों पर नागरिकों और देश के नए तालिबान नेताओं पर इसी तरह के हमलों के लिए श्रेय का दावा किया है. समूह ने 15 अगस्त को सत्ता पर कब्जा कर लिया था. शनिवार की बमबारी हेरात में इस तरह का पहला हमला था. तालिबान के स्थानीय अधिकारी नईमुलहक हक्कानी ने कहा कि इस घटना की जांच जारी है.
पश्चिमी हेरात में तालिबान के एक खुफिया अधिकारी ने एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि बम वैन के ईंधन टैंक से जुड़ा था. उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर मीडिया क यह जानकारी दी है, क्योंकि वह जनता को जानकारी जारी करने के लिए अधिकृत नहीं थे. हेरात एम्बुलेंस के प्रमुख इब्राहिम मोहम्मदी ने कहा कि पीड़ितों में तीन की हालत गंभीर है. जिसे प्रांतीय अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है. सत्ता में लौटने के बाद तालिबान ने कई प्रतिबंध लगाए हैं. खासकर महिलाओं पर कई तरह के कड़े प्रतिबंध लगाए गए हैं. वहींं अफगानिस्तान में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन ने शनिवार को तालिबान से दो महिला अधिकार कार्यकर्ताओं तमाना जरयाब परयानी और परवाना इब्राहिमखेल को खोजने का आह्वान किया, जो बुधवार को काबुल से गायब हो गई हैं.
UNAMA ने शनिवार को एक ट्वीट में कहा कि ‘हम तालिबान से उनके ठिकाने के बारे में जानकारी देने और सभी अफगानों के अधिकारों की रक्षा करने का आग्रह करते है’. हालांकि तालिबान ने उनके लापता होने में किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है. एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि तालिबान के खुफिया सदस्य होने का दावा करने वाले कम से कम हथियार से लैस दस लोगों ने बुधवार को काबुल में एक अपार्टमेंट में घुसकर तमना जरीब परयानी और उसकी तीन बहनों को गिरफ्तार कर लिया. महिला अधिकार कार्यकर्ता ने दोनों महिलाओं को ले जाने से कुछ समय पहले सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया था. जिसमें उन्हें भयभीत, बेदम और मदद के लिए चिल्लाते हुए दिखाया गया.
उसने कहा कि तालिबान उसके दरवाजे पर दस्तक दे रहा है. परयानी उन 25 महिलाओं में शामिल थीं, जिन्होंने महिलाओं के लिए अनिवार्य इस्लामिक हेडस्कार्फ या हिजाब के खिलाफ पिछले सप्ताहांत तालिबान विरोधी प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. इससे पहले पिछले साल अगस्त में तालिबान के अफगानिस्तान पर कब्जा करने के बाद से पूरे देश में दर्जनों हमले हुए हैं. इनमें से कुछ हमलों के लिए इस्लामिक स्टेट (आईएस) समूह द्वारा दावे किए गए हैं. पिछले हफ्ते पूर्वी नंगरहार प्रांत के लालपोरा इलाके में एक गैस टैंक में विस्फोट हो गया था. जिसमें नौ बच्चों की मौत हो गई थी और चार अन्य घायल हो गए थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पाकिस्तान ने भारत के द्वारा अफगानिस्तान को भेजी जा रही मानवीय मदद को बताया पब्लिसिटी स्टंट
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