बिहार में सैनेटरी पेड घोटाला: छात्रों के एकाउंट में 3 साल से डाला जा रहा था पैड का पैसा, प्रिंसिपल के रिटायरमेंट के बाद खुलासा

बिहार में सैनेटरी पेड घोटाला: छात्रों के एकाउंट में 3 साल से डाला जा रहा था पैड का पैसा, प्रिंसिपल के रिटायरमेंट के बाद खुलासा

प्रेषित समय :16:20:02 PM / Tue, Jan 25th, 2022

सारण. सैनेटरी पैड लड़कियों के इस्तेमाल करने की चीज है, लेकिन बिहार में यह इसका उपयोग लड़के भी करते हैं. आपको सुनने में भले थोड़ा अजीब लगे, लेकिन ऐसा हो रहा था. बिहार के छपरा में लड़कों को सैनेटरी पैड के पैसे दिए जा रहे हैं. अब मामले की जांच शुरू हो गई है.

छपरा जिले के मांझी प्रखंड में एक स्कूल है हलखोरी साह उच्च विद्यालय. यहां सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम चलाया जाता है. इसमें सरकार लड़कियों के बैंक एकाउंट में सैनेटरी पैड की राशि तय समय पर भेजती है. बैंक एकाउंट की जानकारी देने की जिम्मेदारी स्कूल के प्रिसिंपल की है. उन्होंने लड़कियों की जगह लड़कों का बैंक एकाउंट सरकार को दे दिया. इसके बाद सरकार उनके खाते में पैसा भेजती गई. तीन साल से ऐसा ही हो रहा था. लड़के पैसा पाकर खुश थे.

ऐसे हुआ खुलासा?

इसका खुलासा तब हुआ जब प्रिंसिपल 31 मार्च 2021 को रिटायर हुए और दूसरे शिक्षक ने यह पदभार ग्रहण किया. प्रिंसिपल से पुरानी योजनाओं का उपयोगिता प्रमाण पत्र मांगा गया. लगभग एक करोड़ की योजनाओं का उपयोगिता प्रमाण पत्र नहीं मिलने पर नए प्रिंसिपल ने इस पूरे मामले की जांच शुरू की. जांच के दौरान बैंक स्टेटमेंट में पता चला कि लड़कियों के लिए चलाई जा रही योजनाओं का पैसा लड़कों के खाते में ट्रांसफर किया जा रहा है. साथ ही और भी कई तरह की गड़बडिय़ां पाई गईं. इसको लेकर नए हेडमास्टर रईस उल एहरार खान ने डीएम को पत्र लिखा है. उनके इसी पत्र के से विभाग में हड़कंप मच गया है.

शिक्षा विभाग ने शुरू कर दी मामले की जांच

डीएम के निर्देश पर आनन-फानन में शिक्षा विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी. शिक्षा विभाग के डीपीओ ने बताया, अगर जांच में मामला सही पाया जाता है तो दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी. पूरा मामला बीते 3 वित्तीय वर्ष का है. इस दौरान अशोक कुमार राय हाई स्कूल हेड मास्टर थे. उनके सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने अभी तक अपना प्रभार नए प्राचार्य को नहीं सौंपा है. बता दें, मुख्यमंत्री किशोरी स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना के तहत 8वीं से 10वीं कक्षा तक की प्रत्येक स्कूली लड़कियों को सैनेटरी पैड खरीदने के लिए 150 रुपए सालाना दिया जाता है. राज्य सरकार की तरफ से इस उद्देश्य के लिए सालाना करीब 60 करोड़ रुपए खर्च किए जाते हैं. इस योजना का लाभ सरकारी स्कूलों की लगभग 37 लाख छात्राओं को मिलता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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