नई दिल्ली. समान नागरिक संहिता यानी यूनिफॉर्म सिविल कोड का मसला फिर से गर्माता जा रहा है. बीजेपी ही नहीं, बल्कि बीजेडी जैसी पार्टियों के सांसद भी इसे लागू करने की मांग कर चुके हैं. क्या मोदी सरकार देश में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रही है? ये सवाल एक बार फिर इसलिए पूछा जा रहा है क्योंकि सरकार ने इस मसले पर विचार करने की बात दोहराई है.
क़ानून मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा है कि 22वां विधि आयोग इस मुद्दे पर विचार कर सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगा. रिजिजू ने ये बात बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे को लिखे एक पत्र में बताई है.
दुबे ने समान नागरिक संहिता लागू करने की मांग करते हुए ये मामला पिछले साल 1 दिसम्बर को लोकसभा में उठाया था. दुबे के उसी मांग पर जवाब देते हुए किरेन रिजिजू ने उन्हें एक पत्र लिखा है. इस साल 31 जनवरी को लिखे गए पत्र में रिजिजू ने कहा है कि ये विषय बेहद गंभीर आउट संवेदनशील है. आपको बता दें कि राज्य के नीति निर्देशक तत्व शीर्षक के तहत संविधान की धारा 44 में देशभर में समान नागरिक संहिता लागू करने का प्रावधान दिया गया है.
पिछले साल भी 10 मार्च को लोकसभा में पूछे गए एक सवाल के जवाब में तत्कालीन क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने जानकारी दी थी कि 22वां विधि आयोग इस मसले पर विचार कर सरकार को रिपोर्ट देगा. इससे पहले भी 21वां विधि आयोग इस मुद्दे पर विचार कर चुका है लेकिन सरकार को रिपोर्ट देने से पहले ही उसका कार्यकाल समाप्त हो गया था.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-पुणे में हादसा, निर्माणाधीन इमारत गिरने से 5 मजदूरों की मौत; पीएम नरेंद्र मोदी ने जताया दुख
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