जबलपुर में महिला टीआई का लाइन अटैच से लेकर निलम्बन मचा है बवाल, सेवानिवृत अधिकारियों के दखल से बढ़ रहे विवाद

जबलपुर में महिला टीआई का लाइन अटैच से लेकर निलम्बन मचा है बवाल, सेवानिवृत अधिकारियों के दखल से बढ़ रहे विवाद

प्रेषित समय :18:11:23 PM / Sun, Feb 6th, 2022

पलपल संवाददाता, जबलपुर. मध्यप्रदेश के जबलपुर में गोरखपुर थानाप्रभारी अर्चना नागर को एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने भ्रष्टाचार, अनुशानसनहीनता व अनियमितताओं के पहले लाइन अटैच किया, इसके बाद सस्पेंड कर दिया, लाइन अटैच करना, सस्पेंड करना एक विभागीय प्रकिया है, लेकिन यह मामला विभाग में अब विवादों को जन्म दे रहा है, जिसे लेकर विभाग में ही चर्चाओं का दौर शुरु हो गया है कि एक सेवानिवृत अधिकारी का शहर के कुछ थानों में दखल देना विभागीय प्रक्रियाओं को विवादों में ला रहा है. क्योकि  सेवानिवृत अधिकारी आज भी थानों की कार्यवाही अपने हिसाब से संचालित करा रहे है. शायद एसपी स्तर के अधिकारियों को इस बात की भनक है.

बताया जाता है कि अपने कार्यकाल में सर्वाधिक चर्चाओं में रहने वाले अधिकारी सेवानिवृत होने के बाद भी शहर के कुछ थानों में  आज भी अपना पूरा दखल दे रहे है, यहां तक कि थाना के प्रभारी कार्यवाही भी उनके इशारे पर ही कर रहे है, वे भले एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा से न पूछे लेकिन इन साहब से जरुरत पूछते है कि क्या करना है. गोरखपुर थाना की प्रभारी अर्चना नागर भी कुछ ऐसा ही कर रही थी, यहां तक कि सेवानिवृत अधिकारी के इशारे पर ही एक गोलीकांड में उस वक्त को फंसा रही थी जिसका मामले से दूर दूर तक कोई लेनादेना नही था, थानाप्रभारी अर्चना नागर को इन साहब का ऐसा आर्शीवाद मिला था कि वे पहले सीएसपी फिर एएसपी स्तर के अधिकारी से विवाद करने पर उतारु हो गई, हालांकि एसपी सिद्धार्थ बहुगुणा ने मामले को किसी तरह सम्हालते हुए विभाग की छबि धूमिल होने से बचाई है, इसके बाद भी टीआई अर्चना नागर को सेवानिवृत साहब पर इतना भरोसा रहा कि वे अपनी मनमानी पर उतारु रही. खासबात तो यह है कि सेवानिवृत साहब का दखल सिर्फ गोरखपुर थाना तक ही सीमित नहीं है, वे उन थानों में भी पूरा दखल दे रहे है, जहां पर उनके कार्यकाल के थानाप्रभारी पदस्थ है, वहां पर भी इन साहब के इशारे पर ही कार्यवाही संचालित की जा रही है. टीआई अर्चना नागर के पक्ष में कुछ व्यापारियों द्वारा एसपी व आईजी के नाम पर ज्ञापन सौंपा जाना भी एक साजिश का ही हिस्सा है, हालांकि दूसरे दिन ही दूसरे कुछ व्यापारियों ने धन्यवाद ज्ञापन सौंप दिया, जिसमें टीआई पर की गई कार्यवाही को जायज बताया गया है. वैसे तो लाइन अटैच फिर सस्पेंड होने के बाद  टीआई अर्चना नागर ने न्यायालय की शरण ली है, खबर यह भी है कि कार्रवाई होने के बाद उनका स्वास्थ्य खराब हो गया है. खैर अधिकारी ही बेहतर जाने कि विभाग की छबि को धूमिल होने से कैसे बचाना है. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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