जबलपुर. आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो जबलपुर द्वारा बड़ी कार्रवाई करते हुए मंडला के जिला श्रम अधिकारी (डिस्ट्रिक्ट लेबर ऑफीसर) जितेंद्र मेसराम को 50 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए शुक्रवार 4 फरवरी की देर रात रंगे हाथों पकड़ा है. जिला श्रम अधिकारी यह रिश्वत एक फार्म हाउस के खिलाफ लेबर एक्ट के तहत कार्रवाई नहीं करने के ऐवज में मांगी गई थी.
बताया जाता है कि कुछ समय पहले मंडला के जिला श्रम अधिकारी जितेंद्र मेसराम ने तनुज लोहान के फार्म हाउस में जांच की थी. जांच उपरांत कार्रवाई नहीं करने पर 1 लाख रुपए की रिश्वत मांगी की गई थी. जिसकी शिकायत तनुज लोहान ने जबलपुर ईओडबलू के पुलिस अधीक्षक देवेन्द्र प्रताप सिंह राजपूत से की थी. एसपी ईओडबलू जबलपुर श्री राजपूत ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए अपने स्तर पर जांच करवाई, जिस पर रिश्वत मांगने की शिकायत सही पाई गई, जिसके बाद आज शुक्रवार को डीएसपी मनजीत सिंह के नेतृत्व में एक टीम को मंडला भेजा गया, जहां पर बनाई गई रणनीति के मुताबिक जैसे ही तनुज लोहान ने रिश्वत की राशि के 50 हजार रुपए जिला श्रम अधिकारी जितेंद्र मेसराम को दिया, वैसे ही टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया. ईओडबलू की इस कार्रवाई से श्रम विभाग में हड़कम्प मच गया है. समाचार लिखे जाने तक ईओडबलू की कार्रवाई जिला श्रम अधिकारी के घर, निवास में जांच कर रही थी.
50 हजार की पहली किश्त आरोपी पहले ही ले चुका था
इस मामले में खास बात यह थी कि आरोपी जितेंद्र मेसराम ने रिश्वत की राशि के एक लाख में से 50 हजार रुपए पहले ही ले चुका था. आज दूसरी किश्त की 50 हजार रुपए आवेदक से लेते हुए ग्राम देवाँगन टोला मंडला के यात्री प्रतीक्षालय के सामने पकड़़ा गया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के जबलपुर में कोरोना से फिर एक मौत, 446 पाजिटिव मिले
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