बजट में मोदी सरकार ने की यह बड़ी घोषणा, लाभ उठाने के लिए गौतम अडाणी ने बनाई एक नई कंपनी

बजट में मोदी सरकार ने की यह बड़ी घोषणा, लाभ उठाने के लिए गौतम अडाणी ने बनाई एक नई कंपनी

प्रेषित समय :10:23:51 AM / Mon, Feb 7th, 2022

नई दिल्ली. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया और सरकार डेटा लोकलाइजेशन को लेकर गंभीर है. खासकर 5G टेक्नोलॉजी के कारण डेटा लोकलाइजेशन का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है. यही वजह है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2022 में डेटा सेंटर्स को इन्फ्रास्ट्रक्चर का दर्जा दिया. इन्फ्रा का दर्जा मिलने के बाद डेटा सेंटर्स के निर्माण के लिए सस्ते और लंबी अवधि वाले लोन मिल जाएंगे. सरकार की इस घोषणा के चार दिनों के भीतर गौतम अडाणी ने बड़ा कदम उठाया है. अडाणी ग्रुप ने मुंबई में एक डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए नई सहायक कंपनी बनाई है. अडाणी के नेतृत्व वाले समूह ने डेटा सेंटर स्थापित करने के लिए देश में आधा दर्जन शहरों की पहचान की है, जिसमें मुंबई एक है.

अडाणी ग्रुप की फर्म ने शेयर बाजार को बताया कि अडाणी एंटरप्राइजेज और एजकॉनेक्स यूरोप बीवी के 50, 50 हिस्सेदारी वाले ज्वाइंट वेंचर अडाणीकोनेक्स प्राइवेट लिमिटेड ने चार फरवरी को पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक इकाई मुंबई डेटा सेंटर लिमिटेड को गठित किया. शेयर बाजार को दी जानकारी के मुताबिक नई इकाई डेटा केंद्रों, सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी), सूचना प्रौद्योगिकी-सक्षम सेवाओं (आईटीईएस), क्लाउड के विकास, संचालन, रखरखाव से संबंधित सेवाएं देने का कार्य करेगी.

गौतम अडाणी ने नवंबर 2021 में कहा था कि उनका सपना अडाणी ग्रुप को ग्रीन डेटा स्टोरेज में दुनिया की लीडर कंपनी बनाने की है. अडाणी ग्रुप आने वाले दिनों में पूरी तरह क्लीन पावर पर संचालित होना चाहता है. शुरुआत में उनकी योजना मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, विशाखापत्ननम और दिल्ली-एनसीआर में डेटा सेंटर स्थापित करने की है. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अप्रैल 2018 में पेमेंट कंपनियों को डेटा लोकलाइजेशन को लेकर वार्न किया था. इसके लिए सेंट्रल बैंक ने छह महीने का समय दिया था. डेटा लोकलाइजेशन संबंधी नियमों की अनदेखी के कारण रिजर्व बैंक ने जुलाई 2021 में मास्टरकार्ड को नया कार्ड जारी करने से बैन कर दिया था.

माना जा रहा है कि साल 2025 तक भारत की डिजिटल इकोनॉमी 1 ट्रिलियन डॉलर की हो जाएगी. इसके कारण डेटा सेंटर्स का ग्रोथ काफी शानदार रहने की उम्मीद है. 2021 में भारत का डेटा सेंटर कैपेसिटी 499 मेगावाट था. उम्मीद की जा रहा है कि सरकार की घोषणा के बाद 2022 में यह क्षमता दोगुनी होकर 1008 मेगावाट हो जाएगी. इसके लिए सरकार आने वाले दिनों में इंसेंटिव की भी घोषणा कर सकती है. इकोनॉमिक टाइम्स ने पिछले दिनों अपनी रिपोर्ट में कहा था कि आने वाले समय में डेटा सेंटर्स के लिए 12 हजार करोड़ के इंसेंटिव का ऐलान किया जा सकता है. सरकार का लक्ष्य अगले पांच सालों में 3 लाख करोड़ का इन्वेस्टमेंट आकर्षित करने की है. निवेश का 3-4 फीसदी इंसेंटिव के तौर पर दिया जा सकता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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