अजमेर. राजस्थान के अजमेर में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) टीम को देखकर हेड कॉन्स्टेबल ने रिश्वत के 60 हजार रुपए टॉयलेट सीट में डाल दिए. हेड कॉन्स्टेबल दरगाह डीएसपी का रीडर है और गैंगरेप के मामले में एफआर (फाइनल रिपोर्ट) लगाने के लिए घूस ली. मामले में एसीबी टीम ने हेड कॉन्स्टेबल समेत दो वकीलों को गिरफ्तार किया है. डीएसपी की भूमिका भी संदेह के घेरे में है.
दरअसल, एक महिला पिछले साल सितंबर में लापता हो गई थी. महिला के पिता ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कराया था. महिला लौटी तो उसने पति और बहनोई पर गैंगरेप का मामला दर्ज करवाया था. मामले की जांच दरगाह सीओ पार्थ शर्मा को दी गई थी. इसी मामले में एफआर लगाने के लिए सीओ पार्थ शर्मा के रीडर हेड कॉन्स्टेबल भागचन्द रावत ने दो वकीलों के साथ मिलकर आरोपी से 3 लाख रुपए की रिश्वत मांगी गई थी.
युवक ने 6 फरवरी को मामले की शिकायत एसीबी से की. एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कराया तो सही पाई गई. रविवार रात परिवादी को हेड कॉन्स्टेबल के पास गंज थाने में रिश्वत के 60 हजार रुपए लेकर भेजा. रिश्वत लेते ही रीडर पीछे के दरवाजे से घर निकल गया. पीछे-पीछे टीम में घर पहुंच गई. हेड कॉन्स्टेबल ने घूस की राशि टॉयलेट सीट में डाल दी. एसीबी टीम ने रुपए बरामद कर कॉन्स्टेबल को पकड़ लिया. मामले में अजमेर के अर्जुन लाल सेठी नगर के रहने वाले वकील मनीष शर्मा और आदर्श नगर निवासी कुशाल सिंह राव को भी गिरफ्तार किया है.
कार्रवाई में ये रहे मौजूद
उपमहानिरीक्षक समीर कुमार सिंह के निर्देशन व एएसपी सतनाम सिंह के सुपरविजन में डीएसपी प्रभुलाल कुमावत, निरीक्षक संग्राम सिंह, रामचन्द्र, कैलाश चारण, शिव सिंह, श्योपाल, त्रिलोक सिंह, अर्जुन टांडी, सुरेश, किरण कुमार ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-राजस्थान के बाड़मेर में भारत-पाक सीमा के पास 35 करोड़ रुपये कीमत की 14 किलो हेरोइन बरामद
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