नई दिल्ली. कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रहे हिजाब विवाद मामले में सुनवाई के दौरान छात्राओं ने एक दिलचस्प मांग की. हिजाब पहनने के पक्ष में याचिका दायर करने वाली छात्राओं ने हाईकोर्ट से अनुरोध किया कि उन्हें स्कूल यूनिफॉर्म के रंग का हिजाब पहनने की अनुमति दी जाए. शांति, सौहार्द और कानून-व्यवस्था को प्रभावित करने वाला कोई भी कपड़ा पहनने पर रोक लगाने संबंधी सरकार के आदेश को चुनौती देने वाली लड़कियों ने चीफ जस्टिस ऋतु राज अवस्थी, जस्टिस जे एम काजी तथा न्यायमूर्ति कृष्णा एम दीक्षित की पूर्ण पीठ के समक्ष यह दलील दी. इस मामले में आज सुनवाई होने वाली है.
उडुपी के सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज की इन लड़कियों की ओर से पेश वकील देवदत्त कामत ने पीठ से कहा, ‘मैं न केवल सरकारी आदेश को चुनौती दे रहा हूं, बल्कि यूनिफॉर्म के रंग का हिजाब पहनने की अनुमति देने के सकारात्मक शासनादेश के लिए भी कर रहा हूं.’ कामत ने दावा किया कि केंद्रीय विद्यालयों में मुस्लिम छात्राओं को स्कूल यूनिफॉर्म का हिजाब पहनने की अनुमति दी जाती है और ऐसा ही यहां भी किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि हिजाब पहनना एक अनिवार्य धार्मिक प्रथा है और इसके इस्तेमाल पर रोक लगाना संविधान के अनुच्छेद 25 में दिए गए अधिकारों का उल्लंघन है.
हिजाब मामले में आज होगी सुनवाई
वकील देवदत्त कामत यह भी कहा कि सरकार ने एक विधायक की मौजूदगी वाली शिक्षा विकास समिति (सीडीसी) को यूनिफॉर्म के निर्धारण के लिए अधिकृत किया है. उन्होंने यह भी कहा कि प्री-यूनिवर्सिटी के द्वितीय वर्ष की छात्राएं दो वर्ष पहले नामांकन लेने के समय से हिजाब पहनती आ रही हैं. कामत ने कहा कि ‘सरकार कहती है कि हिजाब पहनना समस्या बन सकता है क्योंकि अन्य छात्राएं भी अपनी धार्मिक पहचान प्रदर्शित करना चाहती हैं.’ इस मामले पर आज सुनवाई होने वाली है. ऐसे में ये देखना है कि अदालत इस मामले में क्या फैसला देती है. वर्तमान में हिजाब विवाद को लेकर उडुपी समेत कर्नाटक के कई शहरों में तनाव बना हुआ है.
कर्नाटक में कल से खुलेंगे कॉलेज
दूसरी ओर, कर्नाटक में बुधवार से प्री-यूनिवर्सिटी कक्षाएं और डिग्री कॉलेज खोल दिए जाएंगे. हिजाब विवाद के बाद से ही इन्हें बंद कर दिया गया था. मुख्यमंत्री बसावराज बोम्मई की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद इस संबंध में फैसला किया गया. प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा मंत्री बीसी नागेश ने कहा कि बैठक में राज्य की मौजूदा स्थिति की समीक्षा की गई. बैठक में बुधवार से प्री-यूनिवर्सिटी कक्षाओं और डिग्री महाविद्यालयों को खोलने का फैसला किया गया. उन्होंने कहा, ‘महाविद्यालयों में भी यूनिफॉर्म संबंधी नियम होंगे, वहां उनका कड़ाई से अनुपालन किया जाएगा. जहां पर यूनिफॉर्म नहीं हैं, वहां के लिए ड्रेस कोड तय किया जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-ट्रेन में दिल्ली की लड़की से रेप; भोपाल GRP में हुई शिकायत, पैंट्री कार मैनेजर गिरफ्तार
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