मोदीराज का स्वर्णकाल! आइए, मध्यमवर्ग की बर्बादी का जश्न मनाएं?

मोदीराज का स्वर्णकाल! आइए, मध्यमवर्ग की बर्बादी का जश्न मनाएं?

प्रेषित समय :07:28:49 AM / Tue, Feb 15th, 2022

प्रदीप द्विवेदी. जिस मध्यमवर्ग के दम पर बीजेपी दिल्ली की गद्दी तक पहुंची है, उसी मध्यमवर्ग के साथ अच्छे दिनों की तगड़ी सियासी ठगी हुई है?

और.... मजेदार बात यह है कि मध्यमवर्ग की सामाजिक प्रतिष्ठा दांव पर लग चुकी है, लेकिन इससे बेखबर मध्यमवर्ग अभी भी  इस अच्छे दिनों की तगड़ी सियासी ठगी के बावजूद अपनी बर्बादी का जश्न मनाने में व्यस्त है!

सोचो? यदि मोदी टीम कहती कि- 100 रुपए में पेट्रोल-डीजल देंगे, 1000 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर देंगे, महंगाई आसमान में पहुंचा देंगे, तो क्या जनता अच्छे दिनों की ठगी का शिकार होती!

खैर, अब तो मोदीराज का स्वर्णकाल आ गया है और इसका खुलासा करती है, दैनिक भास्कर की स्कन्द विवेक धर की रिपोर्ट- गोल्ड लोन लेकर चुका नहीं पाए कर्जधारी, अब गोल्ड ऑक्शन के लिए नोटिस जारी; एक साथ इतनी नीलामी को एक्सपर्ट मान रहे आर्थिक तंगी की निशानी!

यह रिपोर्ट कहती है कि..... गोल्ड लोन लेकर समय पर न चुकाना करीब एक लाख परिवारों को भारी पड़ेगा. दरअसल, बुधवार को गोल्ड लोन देने वाले एनबीएफसी और बैंक सोना नीलाम करने जा रहे हैं. संगठित गोल्ड लोन बाजार में आधे से अधिक हिस्सा गोल्ड लोन एनबीएफसी मुथूट फाइनेंस और मणप्पुरम फाइनेंस का है. ये ऐसे परिवार हैं, जिन्होंने सोना गिरवी रखकर कर्ज लिया, लेकिन समय पर चुका नहीं पाए.

रिपोर्ट बताती है कि इस महीने के लिए अब तक डेढ़ दर्जन शहरों में नीलामी के 59 नोटिस जारी हुए हैं.

एक लाख से अधिक डिफॉल्टरों के सोने की नीलामी 16 फरवरी को होगी. निवेशक जागरूकता पर काम करने वाली संस्था मनीलाइफ फाउंडेशन की संस्थापक सुचेता दलाल कहती हैं, कोरोना काल में लाखों लोगों का रोजगार चला गया या उनका कारोबार चौपट हो गया. ऐसे लोगों ने सोना गिरवी रखकर लोन लिया, लेकिन चुका नहीं पा रहे हैं. यह ऐसी आर्थिक तंगी है जो दिखती नहीं है.

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़े बताते हैं कि कोरोनाकाल में देश में गोल्ड लोन का चलन तेजी से बढ़ा. जनवरी 2020 यानी कोविड से ठीक पहले देश के वाणिज्यिक बैंकों के कुल गोल्ड लोन का आकार 29,355 करोड़ रुपए था, यह दो साल में ढाई गुना होकर 70,871 करोड़ के पार हो गया, जो देश में बंटे कुल एजुकेशन लोन से अधिक है!

देखना दिलचस्प होगा कि मध्यमवर्ग को अपने साथ हुई सियासी ठगी का अहसास कब तक होता है?

होता भी है या नहीं!

*पूरी खबर पढ़ें....

https://www.bhaskar.com/national/news/one-lakh-families-could-not-repay-by-taking-loan-59-pages-notice-issued-for-gold-auction-considering-so-many-auctions-together-as-a-sign-of-financial-crisis-129397924.html

हे मध्यमवर्ग! तू बचा है कहां? सुख भरे दिन बीते रे भैया....

https://twitter.com/PalpalIndia/status/1405958250248368128

मोदीजी बताइए? किसान कैसे भरोसा करें? आपने तो अवसर को आपदा में बदल दिया है!

https://twitter.com/PalpalIndia/status/1481655030239629312

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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