नई दिल्ली. साल 2022 की शुरुआत से ही महंगाई और शेयर बाजार की चाल बिगड़ी हुई है. लगातार ऊपर चढ़ते Crude पर भारत ही नहीं दुनियाभर की अर्थव्यवस्था फिसल रही है. पिछले एक साल में कच्चा तेल 62 फीसदी महंगा हो चुका है. इस साल ही क्रूड में 20 फीसदी इजाफा हो चुका है और यह 7-8 साल की ऊंचाई पर पहुंच गया है. रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव और तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक की बेरुखी से कच्चा तेल आगे भी महंगे होने के आसार हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि फिलहाल महंगे कच्चे से राहत मिलती नहीं दिख रही और आने वाले कुछ समय में यह 100 डॉलर के पार जा सकता है.
महंगे क्रूड ऑयल का भारत सहित दुनियाभर की इकॉनमी पर असर दिखता है. अगर क्रूड में 10 डॉलर का इजाफा होगा तो विकास दर 0.35 फीसदी सुस्त हो जाएगी. इतना ही नहीं इससे आयात बिल पर असर पड़ता है और डॉलर में इसका भुगतान करने पर रुपया कमजोर होता जाता है. दूसरी ओर, महंगे ईंधन से माल ढुलाई की लागत बढ़ती है और खुदरा बाजार में महंगाई भी बढ़ जाती है.
इस साल शेयर बाजार में आ रहे उतार-चढ़ाव में महंगे क्रूड ऑयल का भी बड़ा रोल है. क्रूड में तेजी आने या कमी होने पर 40 से 50 स्टॉक्स पर सीधा असर दिखता है. इससे बैटरी बनाने वाली कंपनियों, तेल कंपनियों, विमानन क्षेत्र की कंपनियों, टायर, सीमेंट, लॉजिस्टिक्स, स्टील और उपभोक्ता उत्पाद बनाने वाली कंपनियों के शेयरों पर दबाव बढ़ जाता है.
रूस सहित तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक ने रविवार को बैठक के बाद अतिरिक्त क्रूड के उत्पादन से इनकार कर दिया. हालांकि, ओपके ने 2 फरवरी को हुई बैठक में 4 लाख बैरल प्रतिदिन तेल उत्पादन बढ़ाने की बात कही थी. लेकिन, अरब देशों के मंत्रियों ने ये कहते हुए पल्ला झाड़ लिया कि अब महामारी का जोखिम कम हो रहा और अर्थव्यवव्थाएं खुलने लगीं हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-दिल्ली में हटेगा वीकेंड कर्फ्यू! CM अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल से की सिफारिश
दिल्ली में बनी रहेगी ठंड, कोहरा और शीतलहर, उत्तर भारत में भी बदलाव नहीं
पहाड़ों पर बर्फबारी से दिल्ली में रविवार को पारा 4.6 डिग्री तक गिरा; चूरू में तापमान -1 पहुंचा
दिल्ली-एनसीआर को प्रदूषण से मिली राहत, रेड जोन से बाहर हुए सभी इलाके
दिल्ली में IGI स्टेडियम के पास ऑटोरिक्शा पर पलटा कंटेनर, 4 लोगों की मौत
Leave a Reply