नई दिल्ली. यूक्रेन में फंसे नागरिकों के लिए भारत सरकार ने एक प्लान तैयार किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा हेल्पलाइन नंबर्स जारी किए जा रहे हैं. वहीं वैकल्पिक व्यवस्था तैयार की जा रही है. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू करने के कारण बड़े संघर्ष के खतरे की आशंका के बीच भारत इस पूर्वी यूरोप के देश से अपने नागरिकों खासकर छात्रों की सहायता के उपायों पर ध्यान केंद्रित किये हुए है.
विदेश मंत्रालय ने घोषणा की है कि उन्होंने यूक्रेन में मौजूदा स्थिति के कारण नई दिल्ली में एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है और नियंत्रण कक्ष उन सभी फंसे हुए भारतीय नागरिकों को सूचना और सहायता प्रदान करेगा जो युद्ध से वापस आना चाहते हैं. यूक्रेन में फंसे भारतीय नागरिकों को अधिकतम सहायता प्रदान करने के लिए विदेश मंत्रालय ने भारत में अपने नियंत्रण कक्ष का विस्तार किया है और इसे 24×7 आधार पर चालू किया है.
विदेश मंत्रालय ने कहा कि सड़क मार्ग से यूक्रेन की सीमा पर लगे दूसरे देशों में प्रवेश करवाया जाए. भारत सरकार दूसरे देशों से यह बात करेगी की बिना VISA के केवल भारतीय पासपोर्ट पर उनको उन देशों में आने दिया जाए. कुवैत संकट के समय नब्बे के दशक में भारत ने ऐसा किया भी था.कौन-कौन से विकल्प खत्म हो चुके हैं इसको लेकर भी चर्चा की गई है. फ़िलहाल हवाई मार्ग संभव नहीं है.पूर्व में रूस, उत्तर में बेलारूस और दक्षिण में ब्लैक सी अभी के हिसाब से यह एक सम्भावित सीन बन रहा है.
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