एमपी: करोड़पति निकला 8 हजार रुपये सैलरी वाला सहकारी समिति का सेल्समैन, EOW के अधिकारी भी हुए हैरान

एमपी: करोड़पति निकला 8 हजार रुपये सैलरी वाला सहकारी समिति का सेल्समैन, EOW के अधिकारी भी हुए हैरान

प्रेषित समय :10:01:16 AM / Sun, Feb 27th, 2022

देवास. मध्य प्रदेश के देवास जिले में महज 8 हजार रुपए वेतन पाने वाला सहकारी समिति का सेल्समैन करोड़ों रुपये की संपत्ति का मालिक निकला. इसका पता तब चला जब आर्थिक अन्वेषण प्रकोष्ठ ने कन्नौद में सोसायटी सेल्समैन गोविंद बागवान के घर हाल ही में छापा मारा. EOW जैसे-जैसे कार्रवाई करती गई, वैसे-वैसे उसकी काली कमाई की सच्चाई खुलती गई. इससे EOW के अधिकारी भी हैरान थे.

गौरतलब है कि सेल्समैन गोविंद की नियुक्ति साल 1993 में हुई थी. उस वक्त उसे 500 रुपये महीना वेतन मिलता था. ये वेतन धीरे-धीरे बढ़ता हुआ वर्तमान में 8 हजार रुपये हो गया. हाल ही में EOW उज्जैन की टीम के करीब दो दर्जन अधिकार-कर्मचारी सेल्समैन गोविंद बागवान के कन्नौद के डोकाकुई गांव स्थित मकान पर अचानक पहुंच गए. उन्होंने छापा मारा तो गोविंद के घर से सोने चांदी के जेवरात, एक ट्रेक्टर, बैंक खाते, एलआईसी के दस्तावेज, 47 बीघा जमीन और डोकाकुई गांव में चार मकानों का पता चला. कार्रवाई के दौरान सेल्समैन के पास 3 करोड़ 48 लाख 6 हजार 685 रुपए की संपत्ति निकली.

EOW का ये छापा डीएसपी अजय कैथवास के नेतृत्व में मारा गया. उन्होंने बताया कि गोविंद ने जमीन को कुछ साल पहले ही खरीदा है. उस वक्त इस जमीन की कीमत करीब 25 लाख रुपये प्रति बीघा थी. कैथवास के मुताबिक, गोविंद ने अपने दोनों बेटों के दस्तावेजों में भी हेरा-फेरी कर रखी है. उनके दस्तावेजों में पिता का नाम गोविंद नहीं, बल्कि बड़े भाई का नाम लिखवाया गया है. आरोपी पहले भी जेल जा चुका है, क्योंकि उसने किसानों के लोन के नाम पर गड़बड़ी की थी. पूर्व में उसे प्रभारी मैनेजर भी बनाया गया था.

डीएसपी कैथवास ने बताया कि आय से कई गुना संपत्ति होने की शिकायत पुलिस अधीक्षक को लगी थी. जिसके चलते हम कन्नौद के डोका काई ग्राम में पहुचे और सहकारी समिति के पूर्व प्रबंधक रहे गोविंद बागवान के 3 ठिकानों पर छापे मारे. उनके पास करीबन 49 बीघा जमीन, 3 पक्के मकान एक गोडाउन, ट्रैक्टर, मोटरसाइकिल मिले. इन्होंने 3 बच्चों की बड़ी शादियां की हैं. इलाज में भी पैसा खर्च किया है. सभी का जो एनालिसिस हुआ है उससे यह सिद्ध हुआ है कि आय से अधिक संपत्ति इनके पास थी. कुछ संपत्ति इनके बेटों प्रवीण और अरविंद के नाम पर है. उनके दस्तावेजों पर इनके बड़े भाई का नाम कैलाश लिखा गया है. इससे इनकी क्रिमिनल मानसिकता सिद्ध होती है. इसने भ्रष्टाचार का प्रयास तो किया ही है, साथ ही साक्ष्यों को छुपाने की भी कोशिश की है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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