अहमदाबाद.गुजरात हाईकोर्ट ने एक सरकारी प्राधिकरण के खिलाफ अदालत की अवमानना की कार्रवाई करने की मांग करने वाली याचिका दायर करने के लिए एक व्यक्ति पर 10,000 रुपये का जुर्माना लगाया है, क्योंकि अदालत को महसूस हुआ कि यह बिल्कुल भी आवश्यक नहीं है. साथ ही व्यक्ति को सूरत जिला कलेक्टर के पास राशि जमा कराने को कहा गया है.
इस मामले में मनुबाही मालवीय ने 2006 में सूरत के माजुरा में एक भूमि पार्सल खरीदा था और औपचारिक रूप से राजस्व प्राधिकरण और सिविल कोर्ट से इसे गैर-कृषि (एनए) उपयोग के लिए परिवर्तित करने का अनुरोध किया था. 2020 में, मालवीय ने एक बार फिर NA की अनुमति मांगी, लेकिन उनके अनुरोध को जिला कलेक्ट्रेट ने लंबित मामलों के आधार पर खारिज कर दिया.
उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसने जून 2021 में मामले को राजस्व प्राधिकरण के पास भेज दिया और आठ सप्ताह के भीतर निर्णय लेने का आदेश दिया. अगस्त 2021 में प्राधिकरण ने एक बार फिर उनके आवेदन को खारिज कर दिया.
इसके चलते मालवीय ने जिला कलेक्टर के खिलाफ अदालत की अवमानना याचिका दायर की. राज्य सरकार ने प्रस्तुत किया कि मालवीय के आवेदन पर निर्णय एचसी के आदेश के अनुसार समय पर लिया गया था. इसके बाद हाई कोर्ट ने मालवीय पर 10,000 का जुर्माना लगाया.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-गुजरात के शहरों अहमदाबाद और वड़ोदरा से भी हटाया गया नाइट कर्फ्यू, अब आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं
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