सीहोर. भोपाल के करीब सीहोर में रुद्राक्ष महोत्सव स्थगित होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है. पुलिस-प्रशासन की किरकिरी होने के बाद मंगलवार को मामले में सरकार की एंट्री हुई. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के बयान के बाद विपक्ष भी सामने आ गया. गृहमंत्री ने व्यवस्थाओं को लेकर कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा से बात की.
गृहमंत्री ने कहा- दंडवत प्रणाम कर रहा हूं महाराज, निवेदन कर रहा था प्रशासन की कोई दिक्कत तो नहीं है. कोई बात होगी तो बताइएगा, कोई भी आवश्यकता हो. आपके आशीर्वाद से ही सरकार है महाराज. जवाब में पंडितजी ने कहा कि आज सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त हैं, अब कोई दिक्कत नहीं है. पंडित मिश्रा ने गृहमंत्री से एक बार मंदिर आने कहा. जवाब में गृहमंत्री ने कहा कि वे जरूर आएंगे.
कमलनाथ ने इवेंट को लेकर सरकार को घेरा
गृहमंत्री के बयान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर सरकार को घेरा. उन्होंने लिखा- महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या, शिवराज जी की सरकार, शिवराज जी का क्षेत्र और शिव ज्ञान की गंगा बहाने वाला शिव महापुराण व रुद्राक्ष महोत्सव का 7 दिवसीय महाआयोजन दबाव डालकर पहले दिन ही स्थगित करा दिया गया, क्योंकि प्रशासन लाखों श्रद्धालुओं की व्यवस्था संभालने में असफल साबित, एक कथावाचक को आंखों में आंसू भरकर व्यासपीठ से इस सच्चाई को श्रद्धालुओं को बताना पड़े तो इससे शर्मनाक प्रदेश के लिए कुछ और हो नहीं हो सकता है, जो खुद को धर्मप्रेमी बताते हैं यह है, उनकी सरकार की हकीकत. बड़ी संख्या में श्रद्धालु नाराज, प्रदेश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ.
सोमवार को पंडित प्रदीप मिश्रा ने क्या कहा था
पं. प्रदीप मिश्रा भावुक होते हुए कहा था कि ऊपर से बार-बार दबाव आ रहा है, इसलिए कथा स्थगित कर रहा हूं. आपसे हाथ जोड़कर विनती करता हूं कि अपने घर जाकर ऑनलाइन माध्यम से ही कथा सुनें. यह सुन पंडाल में सन्नाटा पसर गया. श्रद्धालुओं की आंखों में आंसू छलक उठे तो पंडित मिश्रा भी अपने को नहीं रोक पाए और रो पड़े. हालांकि प्रशासन का कहना है कि कथा स्थगित करने के लिए कोई दबाव नहीं डाला गया.
15 दिन से चल रही थी तैयारी, लगा था लंबा जाम
शिव महापुराण और रुद्राक्ष महोत्सव की तैयारियां चितावलिया हेमा गांव में पिछले 15 दिन से चल रही थीं. सोमवार सुबह पंडित प्रदीप मिश्रा ने आयोजन की शुरुआत की. भीड़ इतनी उमड़ी की दोपहर होते-होते भोपाल-इंदौर स्टेट हाईवे के दोनों ओर 25 किमी तक जाम लग गया. हालात ऐसे बन गए कि पैदल चलने वालों तक का हाईवे से गुजरना मुश्किल हो रहा था. सीहोर-आष्टा और आसपास के सभी होटल, धर्मशाला तो फुल थे, साथ ही 60 हजार की क्षमता वाला पंडाल भी खचाखच भरा हुआ था. दोपहर तक ही करीब ढाई लाख भक्त यहां पहुंच चुके थे.
जब फूट-फूट कर रो पड़े पंडित मिश्रा
शिवमहापुराण की कथा का वाचन कर रहे भागवत भूषण पं. प्रदीप मिश्रा ने बताया- ऊपर से कार्यक्रम को स्थगित करने का दबाव आ रहा था. यह कहते हुए उन्होंने हाथ जोड़कर देश-विदेश से आए श्रद्धालुओं से क्षमा मांगी और रूद्राक्ष महोत्सव कार्यक्रम को स्थगित करने और सात दिवसीय शिव महापुराण कथा को ऑनलाइन करने की बात कही.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-एमपी के उज्जैन में युवक के गुप्तांग में कम्प्रेसर से हवा भरकर हत्या का प्रयास, हालत गंभीर
Leave a Reply