राजस्थान: एएसआई कंपनी माइंस वर्कर्स का कर रही शोषण, मांगों का नहीं हो रहा निराकरण, श्रमायुक्त के समक्ष यूनियन ने जताई आपत्ति

राजस्थान: एएसआई कंपनी माइंस वर्कर्स का कर रही शोषण, मांगों का नहीं हो रहा निराकरण, श्रमायुक्त के समक्ष यूनियन ने जताई आपत्ति

प्रेषित समय :18:19:37 PM / Tue, Mar 15th, 2022

कोटा. हिन्द मजदूर सभा से संलग्न राजस्थान माईन्स वर्कर्स यूनियन द्वारा खदान श्रमिकों की समस्याओं के निराकरण हेतु सहायक श्रमायुक्त केन्द्रीय महोदय के समक्ष खदान श्रमिकों कीसमस्याओं के निराकरण हेतु पूर्व में दिये मांगपत्र पर बैठक का आयोजन किया गया.

राजस्थान माईन्स वर्कर्स यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने बताया कि खदान श्रमिक कई सालों से अनेक समस्याओं से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खदान मालिकों द्वारा श्रमिकों का शोषण किया जा रहा है. जिसमें एएसआई कम्पनी की गलती की वजह से एनजीटी की एनओसी नहीं मिलने पर 56 दिन का श्रमिकों को वेतन नहीं दिया गया है, जबकि कम्पनी के अधिकारियों को वेतन का भुगतान दिया गया है, कोरोना महामारी के कारण लॉकडाउन का पेमेन्ट नहीं दिया गया है, जो माईन्स 6 मीटर से ज्यादा गहरी हो, उसमें काम करने वाले श्रमिकों को माईन्स एक्ट के अनुसार बिलो ग्राउंड का भुगतान कम्पनी द्वारा नहीं दिया जा रहा है, एएसआई कम्पनी लि. में कार्यरत स्थाई व अस्थाई श्रमिकों को वेतन स्लिप नहीं दी जा रही है जबकि यूनियन तथा सहायक श्रम आयुक्त (केन्द्रीय) के समक्ष समझौता हुआ है कि सभी श्रमिकों को वेतन स्लिप दी जाये, अस्थाई श्रमिकों हर वर्ष 5 प्रतिशत की वेतन वृद्धि होती थी पिछले 2 वर्षों से वेतन वृद्धि नहीं दी जा रही है. ना ही महंगाई भत्ते का भुगतान किया जा रहा है, एएआई कम्पनी द्वारा श्रमिकों को सेफ्टी उपकरण नहीं दिये जा रहे है जिससे आये दिन श्रमिक दुर्घटनाग्रस्त हो रहे हैं. जब किसी अधिकारी का निरीक्षण होता है, तब श्रमिकों को सेफ्टी उपकरण दे दिये जाते हैं. अधिकारी के जाने के बाद पुन: वापस ले लिये जाते हैं, आये दिन श्रमिक दुर्घटनाग्रस्त तथा चोटग्रस्त हो जाते है, खदान में स्थाई श्रमिकों हर वर्ष 5 प्रतिशत की वेतनवृद्धि दी जाती थी जो पिछले कई वर्षों से नहीं दी जा रही है, अस्थाई श्रमिकों को केन्द्र सरकार द्वारा देय महंगाई भत्ते का भुगतान नहीं किया जा रहा है, एएसआई कम्पनी की मेकेनाईजेशन वर्क्स विभाग के कर्मचारियों पिछले 20 वर्षों से 60 रूप्ये इंक्रीमेंट के मिलते थे तब कर्मचारियों की पेमेन्ट 200 - 500 रू. थी. आज भी मंहगाई बढ़ जाने पर भी 60 रू. मिलते है. समस्त कर्मचारियों के इंक्रीमेंट नहीं बढ़ाया जा रहा है. साथ ही पिछले 2017 से कार्यरत 18 खदान श्रमिकों को बिना नियुक्तिपत्र के कार्य कराया जा रहा है तथा अब प्रशासन इनको बुलाकर नौकरी से निकालने का काम कर रही है.

इन सभी समस्याओं के समाधान हेतु सहायक श्रम आयुक्त केन्द्रिय समझौता अधिकारी के समक्ष पिछले वर्ष से वार्ता का दौर चल रहा है, परन्तु आज तक भी समस्याओं का समाधान नहीं हुआ. जिसका मुख्य कार्यरत कम्पनी के एजीएम के.सी. दत्ता जो हमेशा कोई सही दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करते, हमेशा अगली बैठक में दस्तावेज प्रस्तुत करने की बात करते रहते है. इसी कारण आज यूनियन द्वारा सहायक श्रमआयुक्त महोदय को लिखित में कम्पनी के एजीएम श्री के.सी.दत्ता से वार्ता नहीं कर उच्च अधिकारियेां तथा निर्णय लेने वाले अधिकारियों से वार्ता करने का पत्र प्रस्तुत कर दिया जाये. इस पर सहायक श्रमायुक्त श्री एम.पी.मीणा ने अगली बैठक दिनांक 11.04.2022 रखी है. बैठक में यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव, कोषाध्यक्ष राकेश मालव, संगठन मंत्री रमेश यादव, बंटी यादव, अखराज सिंह, मोहम्मद आसिफ सहित स्थाई व अस्थाई खदान श्रमिक उपस्थित रहे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

राजस्थान के भीलवाड़ा में होटल के कमरे में प्रेमी-प्रेमिका फंदे पर लटके मिले, ससुराल से मायके जाने की कहकर निकली थी युवती

राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला, विवाहित बेटियों को रोडवेज में इस आधार पर मिलेगी नौकरी

राजस्थान: बंदूक लेकर सेल्फी ले रहा था, सिर के चीथड़े उड़े, मोबाइल क्लिक की जगह बंदूक का ट्रिगर दबा

राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला: अब आजीवन रहेगी REET परीक्षा की वैधता

राजस्थान में भी शराबबंदी की तैयारी, बिहार में रिसर्च करने पहुंची 5 सदस्यीय टीम, गहलोत सरकार को देगी रिपोर्ट

Leave a Reply