नई दिल्ली. भारत-श्रीलंका टेस्ट सीरीज खत्म हो गई और अब टीम इंडिया जून से पहले कोई भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलेगी. इसका सिर्फ एक ही मतलब है- अब वक्त है इंडियन प्रीमियर लीग 2022 का. दो नई टीमों और नए फॉर्मेट के साथ नए सीजन की शुरुआत 26 मार्च से होगी. दो महीने से ज्यादा वक्त तक चलने वाले इस सीजन में सिर्फ फॉर्मेट और टीमों की शक्लो-सूरत में ही बदलाव नहीं हुआ है, बल्कि कुछ नियमों में भी बदलाव हो गया है. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने नए सीजन को और बेहतर बनाने के लिए डिसीजन रिव्यू सिस्टम यानी DRS की संख्या बढ़ा दी है. साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण के कारण मैच न हो पाने की स्थिति में नतीजे का फैसला कैसे होगा, इसकी भी जानकारी दे दी है.
बीसीसीआई इस बार टूर्नामेंट का आयोजन पूरी तरह से भारत में ही कर रही है. देश में कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति में सुधार के बावजूद किसी तरह का खतरा मोल न लेते हुए बोर्ड ने महाराष्ट्र (मुंबई और पुणे) में ही टूर्नामेंट के लीग स्टेज के 70 मुकाबलों के आयोजन का फैसला किया है. वहीं प्लेऑफ और फाइनल के 4 मैचों का वेन्यू अभी तक तय नहीं है. लेकिन जो तय हो गए हैं, वो हैं नियमों में कुछ बदलाव, जिन्हें टूर्नामेंट शुरू होने से पहले आपके लिए जानना जरूरी है.
रिपोर्ट के मुताबिक, बीसीसीआई ने सभी टीमों को ‘प्लेइंग कंडीशंस’ यानी खेल की परिस्थिति. इसमें सबसे अहम है कोरोना के कारण टीम के मैच के लिए न उतर पाने की स्थिति. बीसीसीआई ने इसमें एक बड़ा बदलाव किया है. इसके मुताबिक,
अगर कोरोना के कारण मैच के लिए 12 खिलाड़ियों (जिसमें 7 भारतीय हों) और एक सब्स्टीट्यूट के साथ कोई टीम उतर पाने में असमर्थ होती है, तो BCCI अपने विवेकानुसार सीजन के बीच में मैच को दोबारा आयोजित करने का प्रयास करेगी. अगर ये भी संभव नहीं होता है, तो इस मामले को IPL टेक्निकल कमेटी को भेजा जाएगा, जिसका फैसला अंतिम और मान्य होगा. ये बदलाव इसलिए अहम है, क्योंकि पहले कोरोना के कारण ऐसी स्थिति बनने पर और मैच का दोबारा आयोजन संभव न हो पाने की स्थिति में, उस टीम को हारा हुआ माना जाता और विरोधी टीम को 2 पॉइंट मिल जाते.
वहीं BCCI ने मेरिलबोन क्रिकेट क्लब की ओर से हाल ही में कैच के नियम में बदलाव को लागू करने का भी फैसला किया है. इसके तहत अगर कोई भी बल्लेबाज कैच आउट होता है, तो स्ट्राइक बदली हुई नहीं मानी जाएगी और नया बल्लेबाज ही स्ट्राइक पर आएगा. हालांकि, अगर कैच ओवर की आखिरी गेंद पर होता है, तो स्ट्राइक बदली जाएगी.
इतना ही नहीं, अब प्लेऑफ और फाइनल में टाई-ब्रेकर को लेकर भी नियम बदल दिया गया है. अगर किसी प्लेऑफ या फाइनल मुकाबले में मैच टाई होेने के बाद सुपर ओवर नहीं हो पाता है, या फिर एक सुपर ओवर के बाद जरूरत पड़ने पर अगला सुपर ओवर नहीं हो पाता है, तो विजेता का फैसला लीग स्टेज में दोनों टीमों के स्थान के आधार पर किया जाएगा. जो टीम लीग स्टेज में विरोधी से ऊपर रही होगी, उसे ही विजेता माना जाएगा.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-बेंगलुरु टेस्ट: दूसरे दिन स्टंप्स तक श्रीलंका 28/1, बुमराह को मिला एक विकेट; टारगेट 447 रन
भारत ने बेंगलुरु टेस्ट में कसा शिकंजा, पहले दिन 16 विकेट गिरे, स्टंप्स तक श्रीलंका 86/6
भारत-श्रीलंका पिंक बाल टेस्ट मैच: श्रेयस अय्यर शतक से चूके, टीम इंडिया की पहली पारी 252 रन पर सिमटी
उत्तर कोरिया ने किया नई इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल का टेस्ट, US तक हमला करने में सक्षम
Leave a Reply