देवास. देवास बैंक नोट प्रेस में हुई चोरी को कोर्ट ने जघन्य अपराध माना है. कोर्ट ने जूतों में नोट भरकर नोट प्रेस में चोरी करने वाले आरोपी को उम्रकैद की सजा सुनाई. बुधवार को हुए इस फैसले में कोर्ट ने कहा कि ये जघन्य श्रेणी का अपराध है. कोर्ट ने आरोपी मनोहर वर्मा को 409, 489 (ख) IPC में उम्रकैद की सजा सुनाई. इसके साथ-साथ उस पर 25-25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया. कोर्ट ने वर्मा को 7 साल के सश्रम कारावास के साथ 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी दिया है.
गौरतलब है कि इस घटना का खुलासा साल 2018 की 19 जनवरी को हुआ. सुबह करीब 8 बजे रिजेक्ट नोटों की कटिंग करने वाले सेक्शन में तैनात सीआईएसएफ जवान लिलेस्वर प्रसाद और मनेंद्र सिंह को उपनियंत्रक अधिकारी मनोहर वर्मा (55) पर शक हुआ. जवानों ने देखा कि वर्मा एक बॉक्स में कुछ रख रहे हैं. जवानों ने तुरंत इस बात की सूचना सीनियर अफसर को दी. सूचना मिलते ही विकास चौधरी, डीएल मीणा, पंकज सिंह, अनिल कुमार और आकाश दुबे मौके पर पहुंच गए.
अधिकारियों ने वर्मा को कपड़े और जूते उतारने के लिए कहा. वर्मा ने जैसे ही इन्हें उतारा तो जूतों से 200-200 रुपए के 2 बंडल मिले. इसके बाद आरोपी के कैबिन की तलाश ली गई. अधिकारियों को उनकी टेबल से 200 और 500 के 26 लाख से ज्यादा नोट मिले. इसके बाद वर्मा पर शिकंजा कसता गया. एक टीम ने उनके घर छापा मारा. उसके घर के दीवान से टीम को 64 लाख 50 हजार रुपए कैश मिला. जानकारी के मुताबिक, जब वर्मा से जुड़े हर पहलू और सीसीटीवी की जांच की गई तो पता चला कि वह रिजेक्ट नोटों को नष्ट नहीं करता था, बल्कि घर ले जाता था.
गौरतलब है कि वर्मा ने 1984 में क्लर्क के तौर पर काम शुरू किया था. इसके बाद नियमानुसार वह प्रमोट होता गया और डिप्टी कंट्रोल ऑफिसर बन गया. उसका काम छपे नोटों को जांच करना था. पता चला कि वह इस बात का फायदा उठाकर उन नोटों को भी रिजेक्ट कर देता, जिनमें न के बराबर गलती होती थी. इन नोटों को वह जूते और कपड़ों में छिपाकर घर ले जाता था. चूंकि, वह सीनियर अफसर था, इस वजह से सुरक्षाकर्मी उसकी तलाशी नहीं लेते थे.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-देवास की दादी 95 साल की उम्र में दौड़ा रहीं फर्राटे से कार
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