जबलपुर. बेनामी संपत्ति मामले में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) की जांच के घेरे में आए जबलपुर मेडिकल विश्वविद्यालय के प्रोफेसर दंपती घर में ताला लगाकर फरार हो गए हैं. उनका मोबाइल भी बंद है. ईओडब्ल्यू ने बयान दर्ज कराने बुलाया था. उधर, जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं. इओडब्ल्यू को जीएसटी में पंजीकृत दो फर्मों के दस्तावेज मिले हैं. वहीं सर्चिंग में कई माइग्रेशन और अन्य दस्तावेज भी जब्त हुए हैं, जो विवि में होने चाहिए थे.
शासकीय सेवा में रहते हुए अकूत कमाई करने वाले चिकित्सा शिक्षक दंपत्ती के नाम के जीएसटी में पंजीकृत दो फर्मों के दस्तावेज जब्त हुए हैं. दावा किया जा रहा है कि उक्त फर्म डा. तृप्ति गुप्ता के नाम पर पंजीकृत कराए गए थे. जीएसटी फर्मों से क्या कारोबार किया गया? इसका पता लगाया जा रहा है. नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल बायोकेमेस्ट्री विभाग की सह प्राध्यापक डा. तृप्ति गुप्ता और इसी विभाग में पदस्थ उनके पति डा. अशोक साहू के घर ईओडब्ल्यू ने बुधवार को सर्च कार्रवाई की थी. शहर स्थित दो आलीशान भवनों में सर्च के दौरान करोड़ों की चल-अचल संपत्ती का पता चला था.
बच्चों का हवाला देकर छोड़ा था, हो गई फरार
प्रोफेसर दंपती के दो बच्चे 6 व 2 साल के हैं. सर्चिंग के बाद टीम उन्हें ईओडब्ल्यू कार्यालय लाई थी. यहां एसपी ने बच्चों और प्रोफेसर होने के चलते गिरफ्तारी नहीं की. दंपती को गुरुवार को बयान दर्ज कराने बुलाया था, पर शाम तक टीम इंतजार करती रह गई. दंपती के मोबाइल नंबर भी बंद है. टीम घर पहुंची तो ताला लटका मिला. चर्चा है कि कार्रवाई की दहशत में दंपती फरार हो गए हैं.
मेडिकल व विश्वविद्यालय के अधिकारी निशाने पर
ईओडब्ल्यू की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि दंपत्ती ने 12 साल की शासकीय सेवा में खूब कमाई की. मेडिकल यूनिवर्सिटी में प्रतिनियुक्ति पर रह चुकी तृप्ति गुप्ता पर कई घोटाले में शामिल होने की आशंका है. ईओडब्ल्यू की जांच के जद में 15 अधिकारियों व डाक्टरों के नाम आए हैं. सर्च कार्रवाई में दंपत्ती के घर से विश्वविद्यालय से संबंधित कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त हुए हैं. इन दस्तावेजों के घर में रखने के मायने तलाशे जा रहे हैं.
नियुक्ति को लेकर भी जारी है जांच
दंपत्ती की मेडिकल कालेज अस्पताल में नियुक्ति भी जांच के घेरे में है. प्रोफेसर दंपती पर आरोप है कि कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर नौकरी पाई है. मेडिकल कालेज अस्पताल प्रशासन ने इसकी जांच कर रहा है. ईओडब्ल्यू को आशंका है कि दंपत्ती को अधिकारियों ने संरक्षण दे रखा था.
जीएसटी से मांगी जानकारी
ईओडब्ल्यू ने जीएसटी विभाग से तृप्ति गुप्ता की फर्मों की जानकारी मांगी है. फर्म का पंजीयन कब और किस आधार पर कराया गया था? फर्म ने किस क्षेत्र में क्या व्यापार किया? चिकित्सा विश्वविद्यालय में डा. तृप्ति गुप्ता परीक्षा नियंत्रक रह चुकी हैं. उस दौरान विश्वविद्यालय में करोड़ों की खरीदी हुई थी. उस समय इन फर्मों का इस्तेमाल करने को लेकर भी जांच की जा रही है. डा. तृप्ति गुप्ता पर परीक्षा में पास फेल कराने संबंधी घोटाले में भी शामिल होने का आरोप लग चुका है.
यह है पूरा मामला
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) को तीन महीने पहले नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर के अध्यापक डॉक्टर अशोक साहू और उनकी पत्नी प्राध्यापक डॉक्टर तृप्ति गुप्ता के खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित शिकायत मिली थी. प्रोफेसर दंपती ने 12 साल की नौकरी में 3.15 करोड़ रुपए की कमाई की है. जबकि इसी अवधि में दंपती ने 5 करोड़, 44 लाख, 22 हजार, 521 रुपए की संपत्ति बनाई है. इसी बेनामी संपती मामले में दंपती के घर बुधवार को ईओडब्ल्यू की रेड पड़ी थी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-
Leave a Reply