पमरे के कोटा स्टेशन पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत कोटा डोरिया साड़ी एवं सूट की लगेगी स्टॉल

पमरे के कोटा स्टेशन पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के तहत कोटा डोरिया साड़ी एवं सूट की लगेगी स्टॉल

प्रेषित समय :19:06:39 PM / Mon, Mar 21st, 2022

जबलपुर. इस वर्ष के बजट में केन्द्रीय वित्त मंत्री ने एक स्टेशन एक उत्पाद योजना की घोषणा किया था. प्रधानमंत्री व रेल मंत्री के पहल पर प्रायोगिक तौर पर पश्चिम मध्य रेल के कोटा रेलवे स्टेशन पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना की शुरुआत की जा रही है. प्रायोगिक तौर पर भारतीय रेलवे में एक स्टेशन एक उत्पाद योजना के अंतर्गत 19 रेलवे स्टेशनों को चिन्हित किया गया है. इसमें पश्चिम मध्य रेल से कोटा रेलवे स्टेशन को शामिल किया गया है. जहां कोटा डोरिया साड़ी एवं सूट की स्टाल लगेगी.

स्थानीय उत्पाद एवं व्यापार को प्रोत्साहन देने के क्रम में पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना का शुभारंभ किया जा रहा है. इसके तहत कोटा डोरिया साड़ी एवं सूट के उत्पादों की प्रदर्शनी लगाने की योजना तैयार की जा रही है. यह योजना दिनांक 25 मार्च 2022 से 15 दिनों के लिए होगी. इस योजना के तहत 1000 रुपए के भुगतान पर 15 दिनों हेतु कोटा जंक्शन रेलवे स्टेशन पर स्थान का आवंटन किया जाएगा. स्टॉल के लिए स्थान का चयन आने-जाने वाले यात्रियों की सुविधानुसार रहेगा, जहां पर यात्री आसानी से पहुंच सके. इसका उद्देश्य रेलवे परिसर का उपयोग कर स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना है और कोटा डोरिया साड़ी को दुनिया तक पहुंचाना है. यह इस व्यवसाय से जुड़े उद्यमो के लिए बेहतर अवसर विकसित करने में मदद करेगा और रेल यात्रियों के लिए भी स्थानीय उत्पाद उपलब्ध कराएगा. इस योजना के तहत स्वयं सहायता समूह, गैर संस्कारी संस्था एवं कॉपरेटिव समूह जो कोटा डोरिया साड़ी बनाने का कार्य करते हैं उनसे आवेदन मांगे जा रहे हैं. इस पायलट प्रोजेक्ट के लिए रेलवे स्टेशन पर चिन्हित स्थान पर इंफ्रास्ट्रक्चर आदि रेल प्रशासन द्वारा मुहैया कराया जाएगा.

कोटा डोरिया साड़ी की विशेषता

- कोटा डोरिया या कोटा डोरिया छोटे बुने हुए वर्गों (खाट) से बने हल्के बुने हुए कपड़े का नाम है जो राजस्थान में कोटा के पास कैथून में और आसपास के कुछ गांवों में पारंपरिक पिट करघे पर हाथ से बुना हुआ है.
- कोटा डोरिया साड़ी शुद्ध कपास और रेशम से बनी होती है और उन पर वर्गाकार पैटर्न होते हैं जिन्हें खाट के नाम से जाना जाता है.
- कोटा साड़ी की चेकर्ड बुनाई बहुत लोकप्रिय है. वे बहुत महीन बुनाई होती हैं और उनका वजन बहुत कम होता है.
- पारंपरिक पाग (पगड़ी) बनाने के लिए उपयुक्त है. यह एक विरासत का टुकड़ा है जिसे संजोया जाना है.
- सफल संस्था से तथा यात्रियों से फीडबैक लिया जाएगा और जिसके आधार पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना को पॉलिसी रूप दिया जाएगा. 

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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