नजरिया. एमसीडी चुनाव को लेकर दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल जिस तरह से चुनौती दे रहे हैं और बीजेपी जिस तरह से पीछे हट रही है, उसे देख कर लगता है कि पीएम मोदी का सियासी जादू तेजी से उतर रहा है!
बड़ा सवाल यह है कि विश्व की सबसे बड़ी पार्टी देश की एक छोटी-सी पार्टी से इतना घबरा क्यों रही है?
वजह साफ है- 2014 से लगातार केंद्र की सत्ता में बने रहने के बावजूद मोदी टीम अब तक दिल्ली विधानसभा चुनाव जीत नहीं पाई है, मतलब.... मोदी है तो मुमकिन है, केवल जुमला है?
खबर है कि अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली नगर निगमों के एकीकरण की आड़ में एमसीडी चुनाव टालने को लेकर केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार पर जमकर हमला बोलते हुए पूछा है कि- क्या इस तरह गुजरात या फिर लोकसभा के चुनाव भी टाले जा सकते हैं?
उन्होंने तो मोदी टीम के इस कदम को शहीदों का अपमान भी बताया है!
खबरों पर भरोसा करें तो अरविंद केजरीवाल का कहना है कि- बीजेपी का दिल्ली नगर निगम के चुनाव टालना शहीदों का अपमान है, जिन्होंने अंग्रेजों को देश से भगाकर देश में जनतंत्र स्थापित करने के लिए कुर्बानियां दीं थीं, आज ये हार के डर से दिल्ली नगर निगम के चुनाव टाल रहे हैं, कल ये राज्यों और देश के चुनाव टाल देंगे?
मोदी टीम पर व्यंग्यबाण चलाते हुए अरविंद केजरीवाल का कहना है कि- मोदी टीम यह कहकर एमसीडी के चुनाव टाल रही है कि दिल्ली के तीनों निगम एक कर रहे हैं, क्या इस वजह से चुनाव टल सकते हैं? कल ये गुजरात हार रहे होंगे तो क्या ये कह कर टाल सकते हैं कि गुजरात और महाराष्ट्र को एक कर रहे हैं? क्या इसी तरह का कोई बहाना बनाकर लोकसभा चुनाव टाले जा सकते हैं?
सबसे मजेदार चुनौती यह है कि- प्रेस से बात करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर बीजेपी एमसीडी चुनावों को समय पर कराकर जीत हासिल करती है, तो हम राजनीति छोड़ देंगे?
खबर यह भी है कि केंद्रीय कैबिनेट से दिल्ली के तीनों नगर निगमों को एक करने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद अब सियासी चर्चा शुरू हो गई है कि क्या दिल्ली में निगम चुनाव टलने वाले हैं?
हालांकि, राज्य चुनाव आयोग के अधिकारियों के हवाले से खबरों ने फिलहाल इस आशंका को खारिज किया है, जिनके अनुसार चुनाव समय पर होंगे या टलेंगे, यह फैसला 18 अप्रैल के बाद होगा!
देखना दिलचस्प होगा कि छोटे दल की बड़ी चुनौती से राजनीतिक प्रबंधन में एक्सपर्ट मोदी टीम कैसे निपटती है?
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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-कृषि कानूनों में इतना ही दम है, तो जनमत संग्रह क्यों नहीं करवाती पीएम मोदी सरकार? news in hindi https://t.co/I9VzZviiCQ
— Palpalindia.com (@PalpalIndia) March 22, 2022
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