नीतीश कुमार को पांच साल, लेकिन उद्धव ठाकरे को ढाई साल भी नहीं, काहे?

नीतीश कुमार को पांच साल, लेकिन उद्धव ठाकरे को ढाई साल भी नहीं, काहे?

प्रेषित समय :21:24:28 PM / Mon, Mar 28th, 2022

प्रदीप द्विवेदी. बिहार में अब पहले नंबर की पार्टी बीजेपी, बावजूद इसके, तीसरे नंबर की पार्टी जेडीयू के नीतीश कुमार को तो पांच साल के लिए मुख्यमंत्री बना दिया, जबकि महाराष्ट्र में शिवसेना के उद्धव ठाकरे को ढाई साल भी नहीं दिए, काहे?

इसके दो प्रमुख कारण हैं....

एक- मोदी टीम उसी दल के साथ रहती है, आगे जाकर जिसका सियासी रास्ता बंद हो, बिहार में नीतीश कुमार के बाद जेडीयू को आगे बढ़ानेवाला कोई बड़ा और असरदार नेता नहीं है,

मतलब- नीतीश कुमार के बाद जेडीयू के वोट बैंक सहित पार्टी का ज्यादातर हिस्सा बीजेपी के सियासी खाते में जा सकता है? जबकि, महाराष्ट्र में अभी उद्धव ठाकरे तो ताकतवर हैं ही, उनके बाद भी शिवसेना का असरदार अस्तित्व बना रहेगा, अर्थात- शिवसेना कभी मोदी टीम के नियंत्रण में नहीं आएगी!

दो- वोट बैंक का पॉलिटिकल नेचर बड़ा मुद्दा है, बिहार में नीतीश कुमार चाहे जितनी कोशिश कर लें, बीजेपी का वोट बैंक उनके हाथ नहीं लगना है, क्योंकि बीजेपी और जेडीयू के वोट बैंक का पॉलिटिकल नेचर अलग-अलग है? जबकि, शिवसेना और बीजेपी के वोट बैंक का पॉलिटिकल नेचर एकजैसा है, बल्कि शिवसेना का हिन्दुत्व ज्यादा स्पष्ट और असरदार है, इसलिए- यदि उद्धव ठाकरे को मोदी टीम ढाई साल भी दे देती, तो बीजेपी का बड़ा सियासी आधार खिसक जाता!

जाहिर है, मोदी टीम किसी भी दल के साथ तभी आगे बढ़ती है, जब उस दल के पास कोई प्रभावी युवा नेता नहीं हो और उस दल का सियासी सफर खत्म होनेवाला हो?

यही वजह है कि बिहार में जोरदार मोदीभक्ति दिखाने के बावजूद चिराग पासवान को नजरअंदाज किया गया, ऐसे ही मुकेश सहनी के साथ भी हुआ है, जबकि मायावती को लेकर अभी भी सॉफ्ट है मोदी टीम!

सियासी सयानों का मानना है कि क्योंकि कुछ ही समय में देश में राष्ट्रपति चुनाव हैं, लिहाजा बहुमत जुटाने के लिए अभी भी कई छोटे राजनीतिक दलों के प्रति मोदी टीम का सियासी प्रेम छलकेगा?

लेकिन, यह देखना दिलचस्प होगा कि बाद में इन छोटे दलों और उनके नेताओं का राजनीतिक भविष्य क्या होता है? 

मोदीजी के असामान्य सामान्य-ज्ञान के भी कई किस्से हैं, लेकिन....

कभी बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उनके ऐतिहासिक-ज्ञान पर जो व्यंग्यबाण चलाए थे, वे लाजवाब थे, जिसमें उन्होंने मोदीजी के चन्द्रगुप्त, सिकंदर, तक्षशिला विश्वविद्यालय आदि को लेकर तगड़ी सियासी धूलाई की थी!
https://www.youtube.com/watch?v=Z1W3-wnLT28&t=247s

अभिमनोजः नीतीश कुमार अपनी कुर्सी बचाएं कि.... मुकेश सहनी की सुनें?
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1507176961784786944

पप्पूगिरी में भी मोदीजी ने तगड़ी मात दे दी है राहुल गांधी को?
https://twitter.com/PalpalIndia/status/1493622897864507395

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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