पमरे के कोटा मंडल का सीनियर डीसीएम 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया

पमरे के कोटा मंडल का सीनियर डीसीएम 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ाया

प्रेषित समय :10:35:48 AM / Fri, Apr 1st, 2022

कोटा. राजस्थान में भरतपुर के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने गुरुवार की रात बड़ी कार्यवाही को अंजाम देते हुए पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल के वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक (सीनियर डीसीएम) अजय पाल को 20 हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है.

जानकारी के अनुसार अजय पाल ने यह रिश्वत अपने कर्मचारी की चार्जशीट माफ करने के एवज में ली थी. मामले में एसीबी ने एक दलाल को भी गिरफ्तार किया है. एसीबी की यह कार्रवाई तड़के 3 बजे तक चलती रही. अजय पाल को आज शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया जाएगा.

एसीबी ने बताया कि भरतपुर रेलवे स्टेशन पर खानपान निरीक्षक पद पर कार्यरत हेमराज मीणा ने मंगलवार को शिकायत दी थी कि अजय पाल ने उसे 16 मार्च को एक चार्जशीट थमाई थी. इस चार्जशीट का जवाब उसने 28 मार्च को दे दिया था, लेकिन इसके बाद हिंडोन स्टेशन पर कार्यरत एक खानपान वेंडर महेश कुमार शर्मा ने फोन कर उससे कहा कि वह अजय पाल से उसकी चार्जशीट माफ करवा देगा. लेकिन इसके लिए उसे 20 हजार रुपए देने होंगे. हेमराज इस पर राजी हो गया. लेकिन इसके बाद हेमराज ने मामले की शिकायत भरतपुर एसीबी से कर दी.

शिकायत की पुष्टि के बाद एसीबी ने अजय पाल को रंगे हाथों पकडऩे का प्लान बनाया. प्लान के मुताबिक हेमराज महेश को लेकर कोटा डीआरएम ऑफिस पहुंचा. यहां शाम करीब 7:30 बजे महेश ने हेमराज से पैसे लेकर ऑफिस में ही अजय पाल को सौंप दिए. महेश के अजय पाल को पैसे देते ही हेमराज ने एसीबी को इशारा कर दिया. इशारा मिलते ही मौके की तलाश में खड़े एसीबी के अधिकारी धड़धड़ते हुए अजय के चेंबर में घुस गए. यहां तलाशी में एसीबी को अजय की टेबल की दराज से रिश्वत के 20 हजार रुपए बरामद हो गए. रकम बरामद होते ही एसीबी ने मौके पर ही अजय पाल और महेश को गिरफ्तार कर लिया.

अधिकारियों ने बताया कि यह पूरी कार्रवाई तड़के करीब 3 बजे तक चलती रही. रात करीब 11:30 बजे तक तो अजय पाल के चेंबर में ही यह कार्रवाई चलती रही. इसके बाद अजय की घर की तलाशी ली गई. घर पर यह कार्यवाही रात करीब 2:30 बजे तक चलती रही. घर की तलाशी में एसीबी को अजय पाल के घर से नोटों के कई बंडल मिले हैं. अधिकतर नोट लिफाफों में रखे हुए थे. ऐसे में एसीबी को शक है कि यह राशि भी रिश्वत की हो सकती है. इसके अलावा अजय के घर से सोने-चांदी की ज्वेलरी भी मिली है. कुछ काले बैग में भी सामान मिला है. इसकी जांच की जा रही है.

अजय को सीनियर डीसीएम पद पर कार्य करते हुए अभी पूरा एक साल भी नहीं हुआ. गत वर्ष 22 अप्रैल को अजय पाल ने यह पद संभाला था. इससे पहले अजय कोटा में ही वरिष्ठ मंडल संरक्षा अधिकारी पद पर कार्यरत थे. अजय ने सीनियर डीसीएम का पद पहली बार ही संभाला था.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

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